हे भाईयों, एक दूसरे के विरोध में बोलना बंद करो। जो अपने ही भाई के विरोध में बोलता है, अथवा उसे दोषी ठहराता है, वह व्यवस्था के ही विरोध में बोलता है और व्यवस्था को दोषी ठहराता है। और यदि तुम व्यवस्था पर दोष लगाते हो तो व्यवस्था के विधान का पालन करने वाले नहीं रहते वरन् उसके न्यायकर्त्ता बन जाते हो।
لاَ يَذُمَّ بَعْضُكُمْ بَعْضًا أَيُّهَا الإِخْوَةُ. الَّذِي يَذُمُّ أَخَاهُ وَيَدِينُ أَخَاهُ يَذُمُّ النَّامُوسَ وَيَدِينُ النَّامُوسَ. وَإِنْ كُنْتَ تَدِينُ النَّامُوسَ، فَلَسْتَ عَامِلاً بِالنَّامُوسِ، بَلْ دَيَّانًا لَهُ.