“हे प्यासे लोगों, जल के पास आओ।
यदि तुम्हारे पास धन हीं है तो इसकी चिन्ता मत करो।
आओ, खाना लो और खाओ।
आओ, भोजन लो।
तुम्हें इसकी कीमत देने की आवश्यकता नहीं है।
बिना किसी कीमत के दूध और दाखमधु लो।
«أَيُّهَا الْعِطَاشُ جَمِيعًا هَلُمُّوا إِلَى الْمِيَاهِ، وَالَّذِي لَيْسَ لَهُ فِضَّةٌ تَعَالَوْا اشْتَرُوا وَكُلُوا. هَلُمُّوا اشْتَرُوا بِلاَ فِضَّةٍ وَبِلاَ ثَمَنٍ خَمْرًا وَلَبَنًا.