यरूशलेम के तीनों व्यक्तियों, एल्याकीम, शेब्ना और योआह ने सेनापति से कहा, “कृपा करके हमारे साथ अरामी भाषा में ही बात कर। क्योंकि इसे हम समझ सकते हैं। तू यहूदी भाषा में हमसे मत बोल। यदि तू यहूदी भाषा का प्रयोग करेगा तो नगर परकोटे पर के सभी लोग तुझे समझ जायेंगे।”
فَقَالَ أَلِيَاقِيمُ وَشَبْنَةُ وَيُوآخُ لِرَبْشَاقَى: «كَلِّمْ عَبِيدَكَ بِالأَرَامِيِّ لأَنَّنَا نَفْهَمُهُ، وَلاَ تُكَلِّمْنَا بِالْيَهُودِيِّ فِي مَسَامِعِ الشَّعْبِ الَّذِينَ عَلَى السُّورِ».