किसान अपनी धरती को तैयार करता है, और फिर उसमें बीज अलग अलग डालता है। किसान अलग—अलग बीजों की रुपाई, ढंग से करता है। किसान सौंफ के बीज बिखेरता है। किसान अपने खेत पर जीरे के बीज बिखेरता है और एक किसान कठिये गेंहूँ को बोता है। एक किसान खास स्थान पर जौ लगाता है। एक किसान कठिये गेंहूँ के बीजों को खेत की मेंड़ पर लगाता है।
أَلَيْسَ أَنَّهُ إِذَا سَوَّى وَجْهَهَا يَبْذُرُ الشُّونِيزَ وَيُذَرِّي الْكَمُّونَ، وَيَضَعُ الْحِنْطَةَ فِي أَتْلاَمٍ، وَالشَّعِيرَ فِي مَكَانٍ مُعَيَّنٍ، وَالْقَطَانِيَّ فِي حُدُودِهَا؟