“भविष्य में, इस्राएल की प्रजा इतनी अधिक हो जायेगी जितने सागर के रेत के कण होते हैं। वह रेत जो न तो नापी जा सकती है, और न ही जिसकी गिनती की जा सकती है। फिर उसी स्थान पर जहाँ उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नही हो,’ उनसे यह कहा जायेगा, ‘तुम जीवित परमेश्वर की संतानें हो।’
لكِنْ يَكُونُ عَدَدُ بَنِي إِسْرَائِيلَ كَرَمْلِ الْبَحْرِ الَّذِي لاَ يُكَالُ وَلاَ يُعَدُّ، وَيَكُونُ عِوَضًا عَنْ أَنْ يُقَالَ لَهُمْ: لَسْتُمْ شَعْبِي، يُقَالُ لَهُمْ: أَبْنَاءُ اللهِ الْحَيِّ.