यूसुफ ने अपने पिता को भी इस सपने के बारे में बताया। किन्तु उसके पिता ने इसकी आलोचना की। उसके पिता ने कहा, “यह किस प्रकार का सपना है? क्या तुम्हें विश्वास है कि तुम्हारी माँ, तुम्हारे भाई और हम तुमको प्रणाम करेंगे?”
وَقَصَّهُ عَلَى أَبِيهِ وَعَلَى إِخْوَتِهِ، فَانْتَهَرَهُ أَبُوهُ وَقَالَ لَهُ: «مَا هذَا الْحُلْمُ الَّذِي حَلُمْتَ؟ هَلْ نَأْتِي أَنَا وَأُمُّكَ وَإِخْوَتُكَ لِنَسْجُدَ لَكَ إِلَى الأَرْضِ؟»