Ezekiel 40

हम लोगों को बन्दी के रूप में ले जाए जाने के पच्चीसवें वर्ष में, वर्ष के आरम्भ में (अकटूबर) महीने के दसवें दिन, यहोवा की शक्ति मुझमें आई। बाबुल वासियों द्वारा इस्राएल पर अधिकार करने के चौदहवें वर्ष का यह वही दिन था। दर्शन में यहोवा मुझे वहाँ ले गया।
فِي السَّنَةِ الْخَامِسَةِ وَالْعِشْرِينَ مِنْ سَبْيِنَا، فِي رَأْسِ السَّنَةِ، فِي الْعَاشِرِ مِنَ الشَّهْرِ، فِي السَّنَةِ الرَّابِعَةِ عَشَرَةَ، بَعْدَ مَا ضُرِبَتِ الْمَدِينَةُ فِي نَفْسِ ذلِكَ الْيَوْمِ، كَانَتْ عَلَيَّ يَدُ الرَّبِّ وَأَتَى بِي إِلَى هُنَاكَ.
दर्शन में परमेश्वर मुझे इस्राएल देश ले गया। उसने मुझे एक बहुत ऊँचे पर्वत के समीप उतारा। पर्वत पर एक भवन था जो नगर के समान दिखता था।
فِي رُؤَى اللهِ أَتَى بِي إِلَى أَرْضِ إِسْرَائِيلَ وَوَضَعَنِي عَلَى جَبَل عَال جِدًّا، عَلَيْهِ كَبِنَاءِ مَدِينَةٍ مِنْ جِهَةِ الْجَنُوبِ.
यहोवा मुझे वहाँ ले आया। वहाँ एक व्यक्ति था जो झलकाये गये काँसे की तरह चमकता हुआ दिखता था। वह व्यक्ति एक कपड़े नापने का फीता और नापने की एक छड़ अपने हाथ में लिये था। वह फाटक से लगा खड़ा था।
وَلَمَّا أَتَى بِي إِلَى هُنَاكَ، إِذَا بِرَجُل مَنْظَرُهُ كَمَنْظَرِ النُّحَاسِ، وَبِيَدِهِ خَيْطُ كَتَّانٍ وَقَصَبَةُ الْقِيَاسِ، وَهُوَ وَاقِفٌ بِالْبَابِ.
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, अपनी आँख और अपने कान का उपयोग करो। इन चीजों पर ध्यान दो और मेरी सुनों। जो मैं तुम्हें दिखाता हूँ उस पर ध्यान दो। क्यों क्योंकि तुम यहाँ लाए गए हो, अत: मैं तुम्हें इन चीजों को दिखा सकता हूँ। तुम इस्राएल के परिवार से वह सब बताना जो तुम यहाँ देखो।”
فَقَالَ لِي الرَّجُلُ: «يَا ابْنَ آدَمَ، انْظُرْ بِعَيْنَيْكَ وَاسْمَعْ بِأُذُنَيْكَ وَاجْعَلْ قَلْبَكَ إِلَى كُلِّ مَا أُرِيكَهُ، لأَنَّهُ لأَجْلِ إِرَاءَتِكَ أُتِيَ بِكَ إِلَى هُنَا. أَخْبِرْ بَيْتَ إِسْرَائِيلَ بِكُلِّ مَا تَرَى».
मैंने एक दीवार देखी जो मन्दिर के बाहर चारों ओर से घेरती थी। उस व्यक्ति के हाथ में चीजों को नापने की एक छड़ थी। यह एक बालिश्त और एक हाथ लम्बी थी। अत: उस व्यक्ति ने दीवार की मोटाई नापी। वह एक छड़ मोटी थी। उस व्यक्ति ने दीवार की ऊँचाई नापी। यह एक छड़ ऊँची थी।
وَإِذَا بِسُورٍ خَارِجَ الْبَيْتِ مُحِيطٍ بِهِ، وَبِيَدِ الرَّجُلِ قَصَبَةُ الْقِيَاسِ سِتُّ أَذْرُعٍ طُولاً بِالذِّرَاعِ وَشِبْرٌ. فَقَاسَ عَرْضَ الْبِنَاءِ قَصَبَةً وَاحِدَةً، وَسُمْكَهُ قَصَبَةً وَاحِدَةً.
तब व्यक्ति पूर्वी द्वार को गया। वह व्यक्ति उसकी पैड़ियों पर चढ़ा और फाटक की देहली को नापा। यह एक छड़ चौड़ी थी।
ثُمَّ جَاءَ إِلَى الْبَابِ الَّذِي وَجْهُهُ نَحْوَ الشَّرْقِ وَصَعِدَ فِي دَرَجِهِ، وَقَاسَ عَتَبَةَ الْبَابِ قَصَبَةً وَاحِدَةً عَرْضًا، وَالْعَتَبَةَ الأُخْرَى قَصَبَةً وَاحِدَةً عَرْضًا.
रक्षकों के कमरे एक छड़ लम्बे और एक छड़ चौड़े थे। कमरों के बीच के दीवारों की मोटाई पाँच हाथ थी। भीतर की ओर फाटक के प्रवेश कक्ष के बगल में फाटक की देहली एक छड़ चौड़ी थी।
وَالْغُرْفَةَ قَصَبَةً وَاحِدَةً طُولاً وَقَصَبَةً وَاحِدَةً عَرْضًا، وَبَيْنَ الْغُرُفَاتِ خَمْسُ أَذْرُعٍ، وَعَتَبَةُ الْبَابِ بِجَانِبِ رِوَاقِ الْبَابِ مِنْ دَاخِل قَصَبَةٌ وَاحِدَةٌ.
तब उस व्यक्ति ने मन्दिर से लगे फाटक के प्रवेश कक्ष को नापा।
وَقَاسَ رِوَاقَ الْبَابِ مِنْ دَاخِل قَصَبَةً وَاحِدَةً.
यह एक छड़ चौड़ा था। तब उस व्यक्ति ने फाटक के प्रवेश कक्ष को नापा। यह आठ हाथ था। उस व्यक्ति ने फाटक के द्वार—स्तम्भों को नापा। हर एक द्वार स्तम्भ दो हाथ चौड़ा था। प्रवेश कक्ष का दरवाजा भीतर को था।
وَقَاسَ رِوَاقَ الْبَابِ ثَمَانِيَ أَذْرُعٍ، وَعَضَائِدَهُ ذِرَاعَيْنِ، وَرِوَاقُ الْبَابِ مِنْ دَاخِل.
फाटक के हर ओर तीन छोटे कमरे थे। ये तीनों छोटे कमरे हर ओर से एक नाप के थे। दोनों ओर के द्वार स्तम्भ एक नाप के थे।
وَغُرُفَاتُ الْبَابِ نَحْوَ الشَّرْقِ ثَلاَثٌ مِنْ هُنَا وَثَلاَثٌ مِنْ هُنَاكَ. لِلثَّلاَثِ قِيَاسٌ وَاحِدٌ، وَلِلْعَضَائِدِ قِيَاسٌ وَاحِدٌ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ.
उस व्यक्ति ने फाटक के दरवाजें की चौड़ाई नापी। यह दस हाथ चौड़ी और तेरह हाथ चौड़ी थी।
وَقَاسَ عَرْضَ مَدْخَلِ الْبَابِ عَشَرَ أَذْرُعٍ، وَطُولَ الْبَابِ ثَلاَثَ عَشَرَةَ ذِرَاعًا.
हर एक कमरे के सामने एक नीची दीवार थी। यह दीवार एक हाथ ऊँची और एक हाथ मोटी थी। कमरे वर्गाकार थे और हर ओर से छ: हाथ लम्बे थे।
وَالْحَافَّةُ أَمَامَ الْغُرُفَاتِ ذِرَاعٌ وَاحِدَةٌ مِنْ هُنَا، وَالْحَافَّةُ ذِرَاعٌ وَاحِدَةٌ مِنْ هُنَاكَ. وَالْغُرْفَةُ سِتُّ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَا، وَسِتُّ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَاكَ.
उस व्यक्ति ने फाटक को एक कमरे की छत से दूसरे कमरे की छत तक नापा। यह पच्चीस हाथ था। एक द्वार दूसरे द्वार के ठीक विपरीत था।
ثُمَّ قَاسَ الْبَابَ مِنْ سَقْفِ الْغُرْفَةِ الْوَاحِدَةِ إِلَى سَقْفِ الأُخْرَى عَرْضَ خَمْسٍ وَعِشْرِينَ ذِرَاعًا. اَلْبَابُ مُقَابِلُ الْبَابِ.
उस व्यक्ति ने प्रवेश कक्ष को भी नापा। यह बीस हाथ चौड़ा था। प्रवेश कक्ष के चारों ओर आँगन था।
وَعَمِلَ عَضَائِدَ سِتِّينَ ذِرَاعًا إِلَى عَضَادَةِ الدَّارِ حَوْلَ الْبَابِ.
प्रवेश कक्ष का फाटक पूरे बाहर की ओर से, फाटक के भीतर तक नाप से पचास हाथ था।
وَقُدَّامَ بَابِ الْمَدْخَلِ إِلَى قُدَّامِ رِوَاقِ الْبَابِ الدَّاخِلِيِّ خَمْسُونَ ذِرَاعًا.
रक्षकों के कमरों में चारों ओर छोटी खिड़कियाँ थी। छोटे कमरों में द्वार—स्तम्भों की ओर भीतर को खिड़कियाँ अधिक पतली हो गई थीं। प्रवेश कक्ष में भी भीतर के चारों ओर खिड़कियाँ थीं। हर एक द्वार स्तम्भ पर खजूर के वृक्ष खुदे थे।
وَلِلْغُرُفَاتِ كُوًى مُشَبَّكَةٌ، وَلِلْعَضَائِدِ مِنْ دَاخِلِ الْبَابِ حَوَالَيْهِ، وَهكَذَا فِي الْقُبَبِ أَيْضًا، كُوًى حَوَالَيْهَا مِنْ دَاخِل، وَعَلَى الْعَضَادَةِ نَخِيلٌ.
तब वह व्यक्ति मुझे बाहरी आँगन में लाया। मैंने कमरे और पक्के रास्ते को देखा। वे आँगन के चारों ओर थे। पक्के रास्ते पर सामने तीस कमरे थे।
ثُمَّ أَتَى بِي إِلَى الدَّارِ الْخَارِجِيَّةِ، وَإِذَا بِمَخَادِعَ وَمُجَزَّعٍ مَصْنُوعٍ لِلدَّارِ حَوَالَيْهَا. عَلَى الْمُجَزَّعِ ثَلاَثُونَ مِخْدَعًا.
पक्का रास्ता फाटक की बगल से गया था। पक्का रास्ता उतना ही लम्बा था जितने फाटक थे। यह नीचे का रास्ता था।
وَالْمُجَزَّعُ بِجَانِبِ الأَبْوَابِ مُقَابِلَ طُولِ الأَبْوَابِ، الْمُجَزَّعُ الأَسْفَلُ.
तब उस व्यक्ति ने नीचे फाटक के सामने भीतर की ओर से लेकर आँगन की दीवार के सामने भीतर की ओर तक नापा। यह सौ हाथ पूर्व और उत्तर में था।
وَقَاسَ الْعَرْضَ مِنْ قُدَّامِ الْبَابِ الأَسْفَلِ إِلَى قُدَّامِ الدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ مِنْ خَارِجٍ، مِئَةَ ذِرَاعٍ إِلَى الشَّرْقِ وَإِلَى الشِّمَالِ.
उस व्यक्ति ने बाहरी आँगन, जिसका सामना उत्तर की ओर है, के फाटक की लम्बाई और चौड़ाई को नापा।
وَالْبَابُ الْمُتَّجِهُ نَحْوَ الشِّمَالِ الَّذِي لِلدَّارِ الْخَارِجِيَّةِ قَاسَ طُولَهُ وَعَرْضَهُ.
इसके हर एक ओर तीन कमरे हैं। इसके द्वार स्तम्भों और प्रवेश कक्ष की नाप वही थी जो पहले फाटक की थी। फाटक पचास हाथ लम्बा और पच्चीस हाथ चौड़ा था।
وَغُرُفَاتُهُ ثَلاَثٌ مِنْ هُنَا وَثَلاَثٌ مِنْ هُنَاكَ، وَعَضَائِدُهُ وَمُقَبَّبُهُ كَانَتْ عَلَى قِيَاسِ الْبَابِ الأَوَّلِ، طُولُهَا خَمْسُونَ ذِرَاعًا وَعَرْضُهَا خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا.
इसकी खिड़कियाँ इसके प्रवेश कक्ष और इसकी खजूर के वृक्षों की नक्काशी की नाप वही थी जो पूर्व की ओर मुखवाले फाटक की थी। फाटक तक सात पैड़ियाँ थी। फाटक का प्रवेश कक्ष भीतर था।
وَكُوَاهَا وَمُقَبَّبُهَا وَنَخِيلُهَا عَلَى قِيَاسِ الْبَابِ الْمُتَّجِهِ نَحْوَ الشَّرْقِ، وَكَانُوا يَصْعَدُونَ إِلَيْهِ فِي سَبْعِ دَرَجَاتٍ، وَمُقَبَّبُهُ أَمَامَهُ.
भीतरी आँगन में उत्तर के फाटक तक पहुँचने वाला एक फाटक था। यह पूर्व के फाटक के समान था। उस व्यक्ति ने एक फाटक से दूसरे तक नापा। यह एक फाटक से दूसरे तक सौ हाथ था।
وَلِلدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ بَابٌ مُقَابِلُ بَابٍ لِلشِّمَالِ وَلِلشَّرْقِ. وَقَاسَ مِنْ بَابٍ إِلَى بَابٍ مِئَةَ ذِرَاعٍ.
तब वह व्यक्ति मुझे दक्षिण की ओर ले गया। मैंने दक्षिण में एक द्वार देखा। उस व्यक्ति ने द्वार—स्तम्भों और प्रवेश कक्ष को नापा।
ثُمَّ ذَهَبَ بِي نَحْوَ الْجَنُوبِ، وَإِذَا بِبَابٍ نَحْوَ الْجَنُوبِ، فَقَاسَ عَضَائِدُهُ وَمُقَبَّبَهُ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ.
वे नाप में उतने ही थे जितने अन्य फाटक। मुख्य द्वार पचास हाथ लम्बे और पच्चीस हाथ चौड़े थे।
وَفِيهِ كُوًى وَفِي مُقَبَّبِهِ مِنْ حَوَالَيْهِ كَتِلْكَ الْكُوَى. اَلطُّولُ خَمْسُونَ ذِرَاعًا وَالْعَرْضُ خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا.
सात पैड़ियाँ इस फाटक तक पहुँचाती थीं। इसका प्रवेश कक्ष भीतर को था। हर एक ओर एक—एक द्वार—स्तम्भ पर खजूर की नक्काशी थी।
وَسَبْعُ دَرَجَاتٍ مَصْعَدُهُ وَمُقَبَّبُهُ قُدَّامَهُ، وَلَهُ نَخِيلٌ وَاحِدَةٌ مِنْ هُنَا وَوَاحِدَةٌ مِنْ هُنَاكَ عَلَى عَضَائِدِهِ.
भीतरी आँगन की दक्षिण की ओर एक फाटक था। उस व्यक्ति ने दक्षिण की ओर एक फाटक से दूसरे फाटक तक नापा। यह सौ हाथ चौड़ा था।
وَلِلدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ بَابٌ نَحْوَ الْجَنُوبِ. وَقَاسَ مِنَ الْبَابِ إِلَى الْبَابِ نَحْوَ الْجَنُوبِ مِئَةَ ذِرَاعٍ.
तब वह व्यक्ति मुझे दक्षिण फाटक से होकर भीतरी आँगन में ले गया। दक्षिण के फाटक की नाप उतनी ही थी जितनी अन्य फाटकों की।
وَأَتَى بِي إِلَى الدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ مِنْ بَابِ الْجَنُوبِ، وَقَاسَ بَابَ الْجَنُوبِ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ.
दक्षिण फाटक के कमरे, द्वार—स्तम्भ और प्रवेश कक्ष की नाप उतनी ही थी जितनी अन्य फाटकों की थी। खिड़कियाँ, फाटक और प्रवेश कक्ष के चारों ओर थी। फाटक पचास हाथ लम्बा और पच्चीस हाथ चौड़ा था। उसके चारों ओर प्रवेश कक्ष थे।
وَغُرُفَاتُهُ وَعَضَائِدُهُ وَمُقَبَّبُهُ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ. وَفِيهِ وَفِي مُقَبَّبِهِ كُوًى حَوَالَيْهِ. اَلطُّولُ خَمْسُونَ ذِرَاعًا وَالْعَرْضُ خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا.
प्रवेश कक्ष पच्चीस हाथ लम्बा और पाँच हाथ चौड़ा था।
وَحَوَالَيْهِ مُقَبَّبٌ خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا طُولاً وَخَمْسُ أَذْرُعٍ عَرْضًا.
दक्षिण फाटक के प्रवेश कक्ष का सामना बाहरी आँगन की ओर था। इसके द्वार—स्तम्भों पर खजूर के पेड़ों की नक्काशी थी। इसकी सीढ़ी की आठ पैड़ियाँ थीं।
وَمُقَبَّبُهُ نَحْوَ الدَّارِ الْخَارِجِيَّةِ، وَعَلَى عَضَائِدِهِ نَخِيلٌ، وَمَصْعَدُهُ ثَمَانِي دَرَجَاتٍ.
वह व्यक्ति मुझे पूर्व की ओर के भीतरी आँगन में लाया। उसने फाटक को नापा। उसकी नाप वही थी जो अन्य फाटकों की।
وَأَتَى بِي إِلَى الدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ نَحْوَ الْمَشْرِقِ وَقَاسَ الْبَابَ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ.
पूर्वी द्वार के कमरे, द्वार—स्तम्भ और प्रवेश कक्ष के नाप वही थे जो अन्य फाटकों के। फाटक और प्रवेश कक्ष के चारों ओर खिड़कियाँ थीं। पूर्वी फाटक पचास हाथ लम्बा और पच्चीस हाथ चौड़ा था।
وَغُرُفَاتُهُ وَعَضَائِدُهُ وَمُقَبَّبُهُ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ. وَفِيهِ وَفِي مُقَبَّبِهِ كُوًى حَوَالَيْهِ. اَلطُّولُ خَمْسُونَ ذِرَاعًا وَالْعَرْضُ خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا.
इसके प्रवेश कक्ष का सामना बाहरी आँगन की ओर था। हर एक ओर के द्वार—स्तम्भों पर खजूर के पेड़ों की नक्काशी थी। इसकी सीढ़ी में आठ पैड़ियाँ थीं।
وَمُقَبَّبُهُ نَحْوَ الدَّارِ الْخَارِجِيَّةِ، وَعَلَى عَضَائِدِهِ نَخِيلٌ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ، وَمَصْعَدُهُ ثَمَانِي دَرَجَاتٍ.
तब वह व्यक्ति मुझे उत्तरी द्वार पर लाया। उसने इसे नापा। इसकी नाप वह थी जो अन्य फाटकों की अर्थात
وَأَتَى بِي إِلَى بَابِ الشِّمَالِ وَقَاسَ كَهذِهِ الأَقْيِسَةِ.
इसके कमरों, द्वार—स्तम्भों और प्रवेश कक्ष की। फाटक के चारों ओर खिड़कियाँ थीं। यह पचास हाथ लम्बा और पच्चीस हाथ चौड़ा था।
غُرُفَاتُهُ وَعَضَائِدُهُ وَمُقَبَّبُهُ وَالْكُوَى الَّتِي لَهُ حَوَالَيْهِ. اَلطُّولُ خَمْسُونَ ذِرَاعًا وَالْعَرْضُ خَمْسٌ وَعِشْرُونَ ذِرَاعًا.
द्वार—स्तम्भों का सामना बाहरी आँगन की ओर था। हर एक ओर के द्वार—स्तम्भों पर खजूर के पेड़ों की नक्काशी थी और इसकी सीढ़ी की आठ पैड़ियाँ थीं।
وَعَضَائِدُهُ نَحْوَ الدَّارِ الْخَارِجِيَّةِ، وَعَلَى عَضَائِدِهِ نَخِيلٌ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ، وَمَصْعَدُهُ ثَمَانِي دَرَجَاتٍ.
एक कमरा था जिसका दरवाजा फाटक के प्रवेश कक्ष के पास था। यह वहाँ था जहाँ याजक होमबलि के लिये जानवरों को नहलाते हैं।
وَعِنْدَ عَضَائِدِ الأَبْوَابِ مِخْدَعٌ وَمَدْخَلُهُ. هُنَاكَ يَغْسِلُونَ الْمُحْرَقَةَ.
फाटक के प्रवेश कक्ष के दोनों ओर दो मेजें थीं। होमबलि पाप के लिये भेंट और अपराध के लिये भेंट के जानवर उन्हीं मेजों पर मारे जाते थे।
وَفِي رِوَاقِ الْبَابِ مَائِدَتَانِ مِنْ هُنَا، وَمَائِدَتَانِ مِنْ هُنَاكَ، لِتُذْبَحَ عَلَيْهَا الْمُحْرَقَةُ وَذَبِيحَةُ الْخَطِيئَةِ وَذَبِيحَةُ الإِثْمِ.
प्रवेश कक्ष के बाहर, जहाँ उत्तरी फाटक खुलता है, दो मेजें थीं और फाटक के प्रवेश कक्ष के दूसरी ओर दो मेजें थीं
وَعَلَى الْجَانِبِ مِنْ خَارِجٍ حَيْثُ يُصْعَدُ إِلَى مَدْخَلِ بَابِ الشِّمَالِ مَائِدَتَانِ، وَعَلَى الْجَانِبِ الآخَرِ الَّذِي لِرِوَاقِ الْبَابِ مَائِدَتَانِ.
फाटक के भीतर चार मेजें थीं। चार मेजें फाटक के बाहर थीं। सब मिलाकर आठ मेजें थीं। याजक इन मेजों पर बलि के लिए जानवरों को मारते थे।
أَرْبَعُ مَوَائِدَ مِنْ هُنَا، وَأَرْبَعُ مَوَائِدَ مِنْ هُنَاكَ عَلَى جَانِبِ الْبَابِ. ثَمَانِي مَوَائِدَ كَانُوا يَذْبَحُونَ عَلَيْهَا.
होमबलि के लिये कटी शिला की चार मेजें थीं। ये मेजें डेढ़ हाथ लम्बी, डेढ़ हाथ चौड़ी और एक हाथ ऊँची थीं। याजक होमबलि और बलिदानों के लिये जिन जानवरों को मारा करते थे, उनको मारने के औजारों को इन मेजों पर रखते थे।
وَالْمَوَائِدُ الأَرْبَعُ لِلْمُحْرَقَةِ مِنْ حَجَرٍ نَحِيتٍ، الطُّولُ ذِرَاعٌ وَنِصْفٌ، وَالْعَرْضُ ذِرَاعٌ وَنِصْفٌ، وَالسَّمْكُ ذِرَاعٌ وَاحِدَةٌ. كَانُوا يَضَعُونَ عَلَيْهَا الأَدَوَاتِ الَّتِي يَذْبَحُونَ بِهَا الْمُحْرَقَةَ وَالذَّبِيحَةَ.
एक हाथ की चौड़ाई के कुन्दें पूरे मन्दिर में लगाए गए थे। भेंट के लिये माँस मेजों पर रहता था।
وَالْمَآزِيبُ شِبْرٌ وَاحِدٌ مُمَكَّنَةً فِي الْبَيْتِ مِنْ حَوْلِهِ. وَعَلَى الْمَوَائِدِ لَحْمُ الْقُرْبَانِ.
भीतरी आँगन के फाटक के बाहर दो कमरे थे। एक उत्तरी फाटक के साथ था। इसका सामना दक्षिण को था। दूसरा कमरा दक्षिण फाटक के साथ था। इसका सामना उत्तर को था।
وَمِنْ خَارِجِ الْبَابِ الدَّاخِلِيِّ مَخَادِعُ الْمُغَنِّينَ فِي الدَّارِ الدَّاخِلِيَّةِ الَّتِي بِجَانِبِ بَابِ الشِّمَالِ، وَوُجُوهُهَا نَحْوَ الْجَنُوبِ. وَاحِدٌ بِجَانِبِ بَابِ الشَّرْقِ مُتَّجِهٌ نَحْوَ الشِّمَالِ.
उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “यह कमरा, जिसका सामना दक्षिण को है, उन याजक के लिये है जो अपने काम पर हैं और मन्दिर में सेवा कर रहे हैं।
وَقَالَ لِي: «هذَا الْمِخْدَعُ الَّذِي وَجْهُهُ نَحْوَ الْجَنُوبِ هُوَ لِلْكَهَنَةِ حَارِسِي حِرَاسَةِ الْبَيْتِ.
किन्तु वह कमरा जिसका सामना उत्तर को है, उन याजकों के लिये है जो अपने काम पर हैं और वेदी पर सेवा कर रहे हैं। ये सभी याजक सादोक के वंशज हैं। सादोक के वंशज ही लेवीवंश के एकमात्र व्यक्ति है जो यहोवा की सेवा उनके पास बलि लाकर कर सकते हैं।”
وَالْمِخْدَعُ الَّذِي وَجْهُهُ نَحْوَ الشِّمَالِ لِلْكَهَنَةِ حَارِسِي حِرَاسَةِ الْمَذْبَحِ. هُمْ بَنُو صَادُوقَ الْمُقَرَّبُونَ مِنْ بَنِي لاَوِي إِلَى الرَّبِّ لِيَخْدِمُوهُ».
उस व्यक्ति ने आँगन को नापा। आँगन पूर्ण वर्गाकार था। यह सौ हाथ लम्बा और सौ हाथ चौड़ा था। वेदी मन्दिर के सामने थी।
فَقَاسَ الدَّارَ مِئَةَ ذِرَاعٍ طُولاً، وَمِئَةَ ذِرَاعٍ عَرْضًا، مُرَبَّعَةً، وَالْمَذْبَحَ أَمَامَ الْبَيْتِ.
वह व्यक्ति मुझे मन्दिर के प्रवेश कक्ष में लाया और उनके हर एक द्वार—स्तम्भ को नापा। यह पाँच हाथ प्रत्येक ओर था। फाटक चौदह हाथ चौड़ा था। फाटक की बगल की दीवारें तीन हाथ हर ओर थीं।
وَأَتَى بِي إِلَى رِوَاقِ الْبَيْتِ وَقَاسَ عَضَادَةَ الرِّوَاقِ، خَمْسَ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَا وَخَمْسَ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَاكَ، وَعَرْضَ الْبَابِ ثَلاَثَ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَا وَثَلاَثَ أَذْرُعٍ مِنْ هُنَاكَ.
प्रवेश कक्ष बीस हाथ लम्बा और बारह हाथ चौड़ा था। प्रवेश कक्ष तक दस सीढ़ियाँ पहुँचाती थीं। द्वार—स्तम्भ के सहारे दोनों ओर स्तम्भ थे।
طُولُ الرِّوَاقِ عِشْرُونَ ذِرَاعًا، وَالْعَرْضُ إِحْدَى عَشَرَةَ ذِرَاعًا عِنْدَ الدَّرَجِ الَّذِي بِهِ كَانُوا يَصْعَدُونَ إِلَيْهِ. وَعِنْدَ الْعَضَائِدِ أَعْمِدَةٌ، وَاحِدٌ مِنْ هُنَا وَوَاحِدٌ مِنْ هُنَاكَ.