Deuteronomy 15

“हर सात वर्ष के अन्त में, तुम्हें ऋण को खत्म कर देना चाहिए।
«فِي آخِرِ سَبْعِ سِنِينَ تَعْمَلُ إِبْرَاءً.
ऋण को तुम्हें इस प्रकार खत्म करना चाहिएः हर एक व्यक्ति जिसने किसी इस्राएली को ऋण दिया है अपना ऋण खत्म कर दे। उसे अपने भाई(इस्राएली) से ऋण लौटाने को नहीं कहना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा ने कहा है कि उस वर्ष ऋण खत्म कर दिये जाते हैं।
وَهذَا هُوَ حُكْمُ الإِبْرَاءِ: يُبْرِئُ كُلُّ صَاحِبِ دَيْنٍ يَدَهُ مِمَّا أَقْرَضَ صَاحِبَهُ. لاَ يُطَالِبُ صَاحِبَهُ وَلاَ أَخَاهُ، لأَنَّهُ قَدْ نُودِيَ بِإِبْرَاءٍ لِلرَّبِّ.
तुम विदेशी से अपना ऋण वापस ले सकते हो। किन्तु उस ऋण को खत्म कर दोगे जो किसी दूसरे इस्राएली पर है।
الأَجْنَبِيَّ تُطَالِبُ، وَأَمَّا مَا كَانَ لَكَ عِنْدَ أَخِيكَ فَتُبْرِئُهُ يَدُكَ مِنْهُ.
किन्तु तुम्हारे बीच कोई गरीब व्यक्ति नहीं रहना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुहें सभी चीजों का वरदान उस देश में देगा जिसे वह तुम्हें रहने को दे रहा है।
إِلاَّ إِنْ لَمْ يَكُنْ فِيكَ فَقِيرٌ. لأَنَّ الرَّبَّ إِنَّمَا يُبَارِكُكَ فِي الأَرْضِ الَّتِي يُعْطِيكَ الرَّبُّ إِلهُكَ نَصِيبًا لِتَمْتَلِكَهَا.
यही होगा, यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन पूरी तरह करोगे। तुम्हें उस हर एक आदेश का पालन करने में सावधान रहना चाहिए जिसे आज मैंने तुम्हें दिया है।
إِذَا سَمِعْتَ صَوْتَ الرَّبِّ إِلهِكَ لِتَحْفَظَ وَتَعْمَلَ كُلَّ هذِهِ الْوَصَايَا الَّتِي أَنَا أُوصِيكَ الْيَوْمَ،
यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद देगा, जैसा कि उसने वचन दिया है और तुम्हारे पास बहुत से राष्ट्रों को ऋण देने के लिए पर्याप्त धन होगा। किन्तु तुम्हें किसी से ऋण लेने की आवश्यकता नहीं होगी। तुम बहुत से राष्ट्रों पर शासन करोगे। किन्तु उन राष्ट्रों में से कोई राष्ट्र तुम पर शासन नहीं करेगा।
يُبَارِكُكَ الرَّبُّ إِلهُكَ كَمَا قَالَ لَكَ. فَتُقْرِضُ أُمَمًا كَثِيرَةً وَأَنْتَ لاَ تَقْتَرِضُ، وَتَتَسَلَّطُ عَلَى أُمَمٍ كَثِيرَةٍ وَهُمْ عَلَيْكَ لاَ يَتَسَلَّطُونَ.
“जब तुम उस देश में रहोगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है तब तुम्हारे लोगों में कोई भी गरीब हो सकता है। तुम्हें स्वार्थी नहीं होना चाहिए। तुम्हें उस गरीब व्यक्ति को सहायता देने से इन्कार नहीं करना चाहिए।
«إِنْ كَانَ فِيكَ فَقِيرٌ، أَحَدٌ مِنْ إِخْوَتِكَ فِي أَحَدِ أَبْوَابِكَ فِي أَرْضِكَ الَّتِي يُعْطِيكَ الرَّبُّ إِلهُكَ، فَلاَ تُقَسِّ قَلْبَكَ، وَلاَ تَقْبِضْ يَدَكَ عَنْ أَخِيكَ الْفَقِيرِ،
तुम्हें उसका हाथ बँटाने की इच्छा रखनी चाहिए। तुम्हें उस व्यक्ति को जितने ऋण की आवश्यकता हो, देना चाहिए।
بَلِ افْتَحْ يَدَكَ لَهُ وَأَقْرِضْهُ مِقْدَارَ مَا يَحْتَاجُ إِلَيْهِ.
“किसी को सहायता देने से इसलिए इन्कार न करो, क्योंकि ऋण को खत्म करने का सातवाँ वर्ष समीप है। इस प्रकार का बुरा विचार अपने मन में न अने दो। तुम्हें उस व्यक्ति के प्रति बुरे विचार नहीं रखने चाहिए जिसे सहायता की आवश्यकता है। तुम्हें उसकी सहायता करने से इन्कार नहीं करना चाहिए। यदि तुम उस गरीब व्यक्ति को कुछ नहीं देते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और यहोवा तुम्हें पाप करने का उत्तरदायी पाएगा।
احْتَرِزْ مِنْ أَنْ يَكُونَ مَعَ قَلْبِكَ كَلاَمٌ لَئِيمٌ قَائِلاً: قَدْ قَرُبَتِ السَّنَةُ السَّابِعَةُ، سَنَةُ الإِبْرَاءِ، وَتَسُوءُ عَيْنُكَ بِأَخِيكَ الْفَقِيرِ وَلاَ تُعْطِيهِ، فَيَصْرُخَ عَلَيْكَ إِلَى الرَّبِّ فَتَكُونُ عَلَيْكَ خَطِيَّةٌ.
“गरीब को तुम जितना दे सको, दो और उसे देने का बुरा न मानो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परम्मेश्वर इस अच्छे काम के लिए तुम्हें आशीष देगा। वह तुम्हारे सभी कामों और जो कुछ तुम करोगे उसमें तुम्हारी सहायता करेगा।
أَعْطِهِ وَلاَ يَسُوءْ قَلْبُكَ عِنْدَمَا تُعْطِيهِ، لأَنَّهُ بِسَبَبِ هذَا الأَمْرِ يُبَارِكُكَ الرَّبُّ إِلهُكَ فِي كُلِّ أَعْمَالِكَ وَجَمِيعِ مَا تَمْتَدُّ إِلَيْهِ يَدُكَ.
देश मे सदा गरीब लोग भी होंगे। यही कारण है कि मैं तुम्हें आदेश देता हूँ कि तुम अपने लोगों, जो लोग तुम्हारे देश में गरीब और सहायता चाहते हैं, उन को सहायता देने के लिए दैयार रहो।
لأَنَّهُ لاَ تُفْقَدُ الْفُقَرَاءُ مِنَ الأَرْضِ. لِذلِكَ أَنَا أُوصِيكَ قَائِلاً: افْتَحْ يَدَكَ لأَخِيكَ الْمِسْكِينِ وَالْفَقِيرِ فِي أَرْضِكَ.
“यदि तुम्हारे लोगों में से कोई, हिब्रू स्त्री व पुरुष, तुम्हारे हाथ बेचा जाए तो उस व्यक्ति को तुम्हारी सेवा छः वर्ष करनी चाहिए। तब सातवें वर्ष तुम्हें उसे अपने से स्वतन्त्र कर देना चाहीए।
«إِذَا بِيعَ لَكَ أَخُوكَ الْعِبْرَانِيُّ أَوْ أُخْتُكَ الْعِبْرَانِيَّةُ وَخَدَمَكَ سِتَّ سِنِينَ، فَفِي السَّنَةِ السَّابِعَةِ تُطْلِقُهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ.
किन्तु जब तुम अपने दास को स्वतन्त्र करो तो उसे बिना कुछ लिए मत जाने दो।
وَحِينَ تُطْلِقُهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ لاَ تُطْلِقُهُ فَارِغًا.
तुम्हें उस व्यक्ति को अपने रेवड़ों का एक बड़ा भाग, खलिहान से एक बड़ा भाग और दाखमधु से एक बड़ा भाग देना चाहिए। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें बहुत अच्छी चीज़ों की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया है। उसी तरह तुम्हें भी अपने दास को बहुत सारी अच्छी चीज़ें देनी चाहिए।
تُزَوِّدُهُ مِنْ غَنَمِكَ وَمِنْ بَيْدَرِكَ وَمِنْ مَعْصَرَتِكَ. كَمَا بَارَكَكَ الرَّبُّ إِلهُكَ تُعْطِيهِ.
तुम्हें याद रखना चाहिए कि तुम मिस्र में दास थे। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें मुक्त किया है। यही कारण है कि मैं तुमसे आज यह करने को कह रहा हूँ।
وَاذْكُرْ أَنَّكَ كُنْتَ عَبْدًا فِي أَرْضِ مِصْرَ، فَفَدَاكَ الرَّبُّ إِلهُكَ. لِذلِكَ أَنَا أُوصِيكَ بِهذَا الأَمْرِ الْيَوْمَ.
“किन्तु तुम्हारे दासों में से कोई कह सकता है, ‘मैं आपको नहीं छोडूँगा।’ वह ऐसा इसलिए कह सकता है कि वह तुमसे, तुम्हारे परिवार से प्रेम करता है और उसने तुम्हारे साथ अच्छा जीवन बिताया है।
وَلكِنْ إِذَا قَالَ لَكَ: لاَ أَخْرُجُ مِنْ عِنْدِكَ. لأَنَّهُ قَدْ أَحَبَّكَ وَبَيْتَكَ، إِذْ كَانَ لَهُ خَيْرٌ عِنْدَكَ،
इस सेवक को अपने द्वार से कान लगाने दो और एक सूए का उपयोग उसके कान में छेद करने के लिए करो। तब वह सदा के लिए तुम्हारा दास हो जाएगा। तुम दासियों के लिए भी यही करो जो तुम्हारे यहाँ रहना चाहती हैं।
فَخُذِ الْمِخْرَزَ وَاجْعَلْهُ فِي أُذُنِهِ وَفِي الْبَابِ، فَيَكُونَ لَكَ عَبْدًا مُؤَبَّدًا. وَهكَذَا تَفْعَلُ لأَمَتِكَ أَيْضًا.
“तुम अपने दास को मुक्त करते समय दुःख का अनुभव मत करो। याद रखो, छः वर्ष तक तुम्हारी सेवा, उससे आधी रकम पर उसने की जितनी मजदूरी पर रखे गए व्यक्ति को देनी पड़ती है। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम जो करोगे उसके लिए आशीष देगा।
لاَ يَصْعُبْ عَلَيْكَ أَنْ تُطْلِقَهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ، لأَنَّهُ ضِعْفَيْ أُجْرَةِ الأَجِيرِ خَدَمَكَ سِتَّ سِنِينَ. فَيُبَارِكُكَ الرَّبُّ إِلهُكَ فِي كُلِّ مَا تَعْمَلُ.
“तुम अपने झुण्ड या रेवड़ में सभी पहलौठे बच्चों को यहोवा का विशेष जानवर बना देना। उनमें से किसी जानवर का उपयोग तुम अपने काम के लिए न करो। इन भेड़ों में से किसी का ऊन न काटो।
«كُلُّ بِكْرٍ ذَكَرٍ يُولَدُ مِنْ بَقَرِكَ وَمِنْ غَنَمِكَ تُقَدِّسُهُ لِلرَّبِّ إِلهِكَ. لاَ تَشْتَغِلْ عَلَى بِكْرِ بَقَرِكَ وَلاَ تَجُزَّ بِكْرَ غَنَمِكَ.
हर वर्ष मवेशियों के झुण्ड या रेवड़ में पहलौठे जानवर को लेकर उस स्थान पर आओ जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चुने। वहाँ तुम और तुम्हारे परिवार के लोग उन जानवरों को खायेंगे।
أَمَامَ الرَّبِّ إِلهِكَ تَأْكُلُهُ سَنَةً بِسَنَةٍ، فِي الْمَكَانِ الَّذِي يَخْتَارُهُ الرَّبُّ، أَنْتَ وَبَيْتُكَ.
“किन्तु यदि जानवर में कोई दोष हो, या लंगड़ा, अन्धा हो या इसमें कोई अन्य दोष हो, तो तुम्हें उसे यहोवा अपने परमेश्वर को भेंट नहीं चढ़ानी चाहिए।
وَلكِنْ إِذَا كَانَ فِيهِ عَيْبٌ، عَرَجٌ أَوْ عَمًى، عَيْبٌ مَّا رَدِيءٌ، فَلاَ تَذْبَحْهُ لِلرَّبِّ إِلهِكَ.
किन्तु तुम उसका माँस वहाँ खा सकते हो जहाँ तुम रहते हो। इसे कोई व्यक्ति खा सकता है, चाहे वह पवित्र हो चाहे अपवित्र हो। नीलगाय या हिरन का माँस खाने पर वही नियम लागू होगा, जो इस माँस पर लागू होता है।
فِي أَبْوَابِكَ تَأْكُلُهُ. النَّجِسُ وَالطَّاهِرُ سَوَاءً كَالظَّبْيِ وَالأُيَّلِ.
किन्तु तुम्हें जानवर का खून नहीं खाना चाहिए। तुम्हें खून को पानी की तरह जमीन पर बहा देना चाहिए।
وَأَمَّا دَمُهُ فَلاَ تَأْكُلُهُ. عَلَى الأَرْضِ تَسْفِكُهُ كَالْمَاءِ.