Daniel 2

नबूकदनेस्सर ने अपने शासन के दूसरे वर्ष के मध्य एक सपना देखा। उसके सपने ने उसे व्याकुल कर दिया। जैसे तैसे बहुत देर बाद उसे नींद आई।
وَفِي السَّنَةِ الثَّانِيَةِ مِنْ مُلْكِ نَبُوخَذْنَصَّرَ، حَلَمَ نَبُوخَذْنَصَّرُ أَحْلاَمًا، فَانْزَعَجَتْ رُوحُهُ وَطَارَ عَنْهُ نَوْمُهُ.
सो राजा ने अपने समझदार लोगों को अपने पास बुलाया। वे लोग जादू—टोना किया करते थे, और तारों को देखा करते थे।सपनों का फल बताने के लिये वे ऐसा किया करते थे। वे ऐसा इसलिये करते थे कि जो कुछ भविष्य में घटने वाला है, वे उसे जान जायें। राजा उन लोगों से यह चाहता था कि वे, उसके बारे में उसे बतायें जो सपना उसने देखा है। सो वे भीतर आये और आकर राजा के आगे खड़े हो गये।
فَأَمَرَ الْمَلِكُ بِأَنْ يُسْتَدْعَى الْمَجُوسُ وَالسَّحَرَةُ وَالْعَرَّافُونَ وَالْكَلْدَانِيُّونَ لِيُخْبِرُوا الْمَلِكَ بِأَحْلاَمِهِ. فَأَتَوْا وَوَقَفُوا أَمَامَ الْمَلِكِ.
तब राजा ने उन लोगों से कहा, “मैंने एक सपना देखा है जिसमें मैं व्याकुल हूँ। मैं यह जानना चाहता हूँ कि उस सपने का अर्थ क्या है”
فَقَالَ لَهُمُ الْمَلِكُ: «قَدْ حَلَمْتُ حُلْمًا وَانْزَعَجَتْ رُوحِي لِمَعْرِفَةِ الْحُلْمِ».
इस पर उन कसदियों ने राजा से उत्तर देते हुए कहा। वे अरामी भाषा में बोल रहे थे। “राजा चिरंजीव रहे। हम तेरे दास हैं। तू अपना स्वप्न हमें बता। फिर हम तुझे उसका अर्थ बतायेंगे।”
فَكَلَّمَ الْكَلْدَانِيُّونَ الْمَلِكَ بِالأَرَامِيَّةِ: «عِشْ أَيُّهَا الْمَلِكُ إِلَى الأَبَدِ. أَخْبِرْ عَبِيدَكَ بِالْحُلْمِ فَنُبَيِّنَ تَعْبِيرَهُ».
इस पर राजा नबूकदनेस्सर ने उन लोगों से कहा, “नहीं! वह सपना क्या था, यह भी तुम्हें ही बताना है और उस सपने का अर्थ क्या है, यह भी तुम्हें ही बताना है और यदि तुम ऐसा नहीं कर पाये तो मैं तुम्हारे टुकड़े—टुकड़े कर डालने की आज्ञा दे दूँगा। मैं तुम्हारे घरों को तोड़ कर मलबे के ढ़ेर और राख में बदल डालने की आज्ञा भी दे दूँगा
فَأَجَابَ الْمَلِكُ وَقَالَ لِلْكَلْدَانِيِّينَ: «قَدْ خَرَجَ مِنِّي الْقَوْلُ: إِنْ لَمْ تُنْبِئُونِي بِالْحُلْمِ وَبِتَعْبِيرِهِ، تُصَيَّرُونَ إِرْبًا إِرْبًا وَتُجْعَلُ بُيُوتُكُمْ مَزْبَلَةً.
और यदि तुम मुझे मेरा सपना बता देते हो और उसकी व्याख्या कर देते हो तो मैं तुम्हें अनेक उपहार, बहुत से प्रतिफल और महान आदर प्रदान करूँगा। सो तुम मुझे मेरे सपने के बारे में बताओ और बताओ कि उसका अर्थ क्या है।”
وَإِنْ بَيَّنْتُمُ الْحُلْمَ وَتَعْبِيرَهُ، تَنَالُونَ مِنْ قِبَلِي هَدَايَا وَحَلاَوِينَ وَإِكْرَامًا عَظِيمًا. فَبَيِّنُوا لِي الْحُلْمَ وَتَعْبِيرَهُ».
उन बुद्धिमान पुरूषों ने राजा से फिर कहा, “हे राजन, कृपा करके हमें सपने के बारे में बताओ और हम तुम्हें यह बतायेंगे कि उस सपने का फल क्या है।”
فَأَجَابُوا ثَانِيَةً وَقَالُوا: «لِيُخْبِرِ الْمَلِكُ عَبِيدَهُ بِالْحُلْمِ فَنُبَيِّنَ تَعْبِيرَهُ».
इस पर राजा नबूकदनेस्सर ने कहा, “मैं जानता हूँ, तुम लोग और अधिक समय लेने का जतन कर रहे हो। तुम जानते हो कि मैंने जो कहा, वही मेरा अभिप्राय है।
أَجَابَ الْمَلِكُ وَقَالَ: «إِنِّي أَعْلَمُ يَقِينًا أَنَّكُمْ تَكْتَسِبُونَ وَقْتًا، إِذْ رَأَيْتُمْ أَنَّ الْقَوْلَ قَدْ خَرَجَ مِنِّي
तुम यह जानते हो कि यदि तुमने मुझे मेरे सपने के बारे में नहीं बताया तो तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। सो तुम सब एक मत हो कर मुझसे बातें बना रहे हो। तुम और अधिक समय लेना चाहते हो। तुम्हें यह आशा है कि मैं जो कुछ करना चाहता हूँ उसे तुम्हारी बातों में आकर भूल जाऊँगा। अच्छा अब तुम मुझे मेरा सपना बताओ। यदि तुम मुझे मेरा सपना बता पाओगे तभी मैं यह जान पाऊँगा कि वास्तव में उस सपने का अर्थ क्या है। यह तुम मुझे बता पाओगे!”
بِأَنَّهُ إِنْ لَمْ تُنْبِئُونِي بِالْحُلْمِ فَقَضَاؤُكُمْ وَاحِدٌ. لأَنَّكُمْ قَدِ اتَّفَقْتُمْ عَلَى كَلاَمٍ كَذِبٍ وَفَاسِدٍ لِتَتَكَلَّمُوا بِهِ قُدَّامِي إِلَى أَنْ يَتَحَوَّلَ الْوَقْتُ. فَأَخْبِرُونِي بِالْحُلْمِ، فَأَعْلَمَ أَنَّكُمْ تُبَيِّنُونَ لِي تَعْبِيرَهُ».
कसदियों ने राजा को उत्तर देते हुए कहा, “हे राजन, धरती पर कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जैसा, आप करने को कह रहे हैं, जो वैसा कर सके। बुद्धिमान पुरूषों अथवा जादूगरों या कसदियों से किसी भी राजा ने कभी भी ऐसा करने को नहीं कहा। यहाँ तक कि महानतम और सबसे अधिक शक्तिशाली किसी भी राजा ने कभी अपने बुद्धिमान पुरूषों से ऐसा करने को नहीं कहा।
أَجَابَ الْكَلْدَانِيُّونَ قُدَّامَ الْمَلِكِ وَقَالُوا: «لَيْسَ عَلَى الأَرْضِ إِنْسَانٌ يَسْتَطِيعُ أَنْ يُبَيِّنَ أَمْرَ الْمَلِكِ. لِذلِكَ لَيْسَ مَلِكٌ عَظِيمٌ ذُو سُلْطَانٍ سَأَلَ أَمْرًا مِثْلَ هذَا مِنْ مَجُوسِيٍّ أَوْ سَاحِرٍ أَوْ كَلْدَانِيٍّ.
महाराज, आप वह काम करने को कह रहे हैं, जे असम्भव है। बस राजा को उसके सपने के बारे में और उसके फल के बारे में देवता ही बता सकते हैं। किन्तु देवता तो लोगों के बीच नहीं रहते।”
وَالأَمْرُ الَّذِي يَطْلُبُهُ الْمَلِكُ عَسِرٌ، وَلَيْسَ آخَرُ يُبَيِّنُهُ قُدَّامَ الْمَلِكِ غَيْرَ الآلِهَةِ الَّذِينَ لَيْسَتْ سُكْنَاهُمْ مَعَ الْبَشَرِ».
जब राजा ने यह सुना तो उसे बहुत क्रोध आया और उसने बाबुल के सभी विवेकी पुरूषों को मरवा डालने की आज्ञा दे दी।
لأَجْلِ ذلِكَ غَضِبَ الْمَلِكُ وَاغْتَاظَ جِدًّا وَأَمَرَ بِإِبَادَةِ كُلِّ حُكَمَاءِ بَابِلَ.
राजा नबूकदनेस्सर के आज्ञा का ढ़िढोरा पिटवा दिया गया। सभी बुद्धिमान पुरूषों को मारा जाना था, इसलिये दानिय्येल और उसके मित्रों को भी मरवा डालने के लिये उनकी खोज में राज—पुरूष भेज दिये गये।
فَخَرَجَ الأَمْرُ، وَكَانَ الْحُكَمَاءُ يُقْتَلُونَ. فَطَلَبُوا دَانِيآلَ وَأَصْحَابَهُ لِيَقْتُلُوهُمْ.
अर्योक राजा के रक्षकों का नायक था। वह बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों को मार डालने के लिये जा रहा था, किन्तु दानिय्येल ने उससे बातचीत की। दानिय्येल ने अर्योक से बुद्धिमानी के साथ नम्रतापूर्वक बात की।
حِينَئِذٍ أَجَابَ دَانِيآلُ بِحِكْمَةٍ وَعَقْل لأَرْيُوخَ رَئِيسِ شُرَطِ الْمَلِكِ الَّذِي خَرَجَ لِيَقْتُلَ حُكَمَاءَ بَابِلَ، أَجَابَ وَقَالَ لأَرْيُوخَ قَائِدِ الْمَلِكِ:
दानिय्येल ने अर्योक से पूछा, “राजा ने इतना कठोर दण्ड देने की आज्ञा क्यों दी है” इस पर अर्योक ने राजा के सपने वाली सारी कहानी कह सुनाई, दानिय्येल उसे समझ गया।
«لِمَاذَا اشْتَدَّ الأَمْرُ مِنْ قِبَلِ الْمَلِكِ؟» حِينَئِذٍ أَخْبَرَ أَرْيُوخُ دَانِيآلَ بِالأَمْرِ.
दानिय्येल ने जब यह कहानी सुन ली तो वह राजा नबूकदनेस्सर के पास गया। दानिय्येल ने राजा से विनती की कि वह उसे थोड़ा समय और दे। उसके बाद वह राजा को उसका स्वप्न और उस स्वप्न का फल बता देगा।
فَدَخَلَ دَانِيآلُ وَطَلَبَ مِنَ الْمَلِكِ أَنْ يُعْطِيَهُ وَقْتًا فَيُبَيِّنُ لِلْمَلِكِ التَّعْبِيرَ.
इसके बाद दानिय्येल अपने घर को चल दिया। उसने अपने मित्र हनन्याह, मीशाएल और अजर्याह को वह सारी बात कह सुनाई।
حِينَئِذٍ مَضَى دَانِيآلُ إِلَى بَيْتِهِ، وَأَعْلَمَ حَنَنْيَا وَمِيشَائِيلَ وَعَزَرْيَا أَصْحَابَهُ بِالأَمْرِ،
दानिय्येल ने अपने मित्रों से स्वर्ग के परमेश्वर से प्रार्थना करने को कहा। दानिय्येल ने उनसे कहा कि वे परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह उन पर दयालु हो और इस रहस्य को समझने में उनकी सहायता करे जिससे बाबुल के दूसरे विवेकी पुरूषों के साथ दानिय्येल और उसके मित्र भी मौत के घाट न उतार दिये जायें।
لِيَطْلُبُوا الْمَرَاحِمَ مِنْ قِبَلِ إِلهِ السَّمَاوَاتِ مِنْ جِهَةِ هذَا السِّرِّ، لِكَيْ لاَ يَهْلِكَ دَانِيآلُ وَأَصْحَابُهُ مَعَ سَائِرِ حُكَمَاءِ بَابِلَ.
रात के समय परमेश्वर ने एक दर्शनमें दानिय्येल को वह रहस्य समझा दिया। इस पर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति करते हुए
حِينَئِذٍ لِدَانِيآلَ كُشِفَ السِّرُّ فِي رُؤْيَا اللَّيْلِ. فَبَارَكَ دَانِيآلُ إِلهَ السَّمَاوَاتِ.
दानिय्येल ने कहा: “परमेश्वर के नाम की सदा प्रशंसा करो! शक्ति और सामर्थ्य उसमें ही होते हैं!
أَجَابَ دَانِيآلُ وَقَالَ: «لِيَكُنِ اسْمُ اللهِ مُبَارَكًا مِنَ الأَزَلِ وَإِلَى الأَبَدِ، لأَنَّ لَهُ الْحِكْمَةَ وَالْجَبَرُوتَ.
वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं।
وَهُوَ يُغَيِّرُ الأَوْقَاتَ وَالأَزْمِنَةَ. يَعْزِلُ مُلُوكًا وَيُنَصِّبُ مُلُوكًا. يُعْطِي الْحُكَمَاءَ حِكْمَةً، وَيُعَلِّمُ الْعَارِفِينَ فَهْمًا.
वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है। उसके संग प्रकाश बना रहता है, सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है!
هُوَ يَكْشِفُ الْعَمَائِقَ وَالأَسْرَارَ. يَعْلَمُ مَا هُوَ فِي الظُّلْمَةِ، وَعِنْدَهُ يَسْكُنُ النُّورُ.
हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझको धन्यवाद देता हूँ और तेरे गुण गाता हूँ। तूने ही मझको ज्ञान और शक्ति दी। जो बातें हमने पूछीं थी उनके बारे में तूने हमें बताया! तूने हमें राजा के सपने के बारे में बताया।”
إِيَّاكَ يَا إِلهَ آبَائِي أَحْمَدُ، وَأُسَبِّحُ الَّذِي أَعْطَانِي الْحِكْمَةَ وَالْقُوَّةَ وَأَعْلَمَنِي الآنَ مَا طَلَبْنَاهُ مِنْكَ، لأَنَّكَ أَعْلَمْتَنَا أَمْرَ الْمَلِكِ».
इसके बाद दानिय्येल अर्योक के पास गया। राजा नबूकदनेस्सर ने अर्योक को बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या के लिये नियुक्त किया था। दानिय्येल ने अर्योक से कहा, “बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या मत करो। मुझे राजा के पास ले चलो, मैं उसे उसका स्वप्न और उस स्वप्न का फल बता दूँगा।”
فَمِنْ أَجْلِ ذلِكَ دَخَلَ دَانِيآلُ إِلَى أَرْيُوخَ الَّذِي عَيَّنَهُ الْمَلِكُ لإِبَادَةِ حُكَمَاءِ بَابِلَ، مَضَى وَقَالَ لَهُ هكَذَا: «لاَ تُبِدْ حُكَمَاءَ بَابِلَ. أَدْخِلْنِي إِلَى قُدَّامِ الْمَلِكِ فَأُبَيِّنَ لِلْمَلِكِ التَّعْبِيرَ».
सो अर्योक दानिय्येल को शीघ्र ही राजा के पास ले गया। अर्योक ने राजा से कहा, “यहूदा के बन्दियों में मैंने एक ऐसा पुरूष ढूँढ लिया है जो राजा को उसके सपने का मतलब बता सकता है।”
حِينَئِذٍ دَخَلَ أَرْيُوخُ بِدَانِيآلَ إِلَى قُدَّامِ الْمَلِكِ مُسْرِعًا وَقَالَ لَهُ هكَذَا: «قَدْ وَجَدْتُ رَجُلاً مِنْ بَنِي سَبْيِ يَهُوذَا الَّذِي يُعَرِّفُ الْمَلِكَ بِالتَّعْبِيرِ».
सो राजा ने दानिय्येल (बेलतशस्सर) से एक प्रश्न पूछा, “क्या तू मुझे मेरे सपने और उसके अर्थ के बारे में बता सकता है”
أَجَابَ الْمَلِكُ وَقَالَ لِدَانِيآلَ، الَّذِي اسْمُهُ بَلْطَشَاصَّرُ: «هَلْ تَسْتَطِيعُ أَنْتَ عَلَى أَنْ تُعَرِّفَنِي بِالْحُلْمِ الَّذِي رَأَيْتُ، وَبِتَعْبِيرِهِ؟»
दानिय्येल ने उत्तर दिया, “हे राजा नबूकदनेस्सर, तुम जिस रहस्य के बारे में पूछ रहे हो, उसे तुम्हें न तो कोई पण्डित, न कोई तान्त्रिक और न कोई कसदी बता सका है।
أَجَابَ دَانِيآلُ قُدَّامَ الْمَلِكِ وَقَالَ: «السِّرُّ الَّذِي طَلَبَهُ الْمَلِكُ لاَ تَقْدِرُ الْحُكَمَاءُ وَلاَ السَّحَرَةُ وَلاَ الْمَجُوسُ وَلاَ الْمُنَجِّمُونَ عَلَى أَنْ يُبَيِّنُوهُ لِلْمَلِكِ.
किन्तु स्वर्ग में एक परमेश्वर ऐसा है जो भेद भरी बातों का रहस्य बताता है। परमेश्वर ने राजा नबूकदनेस्सर को आगे क्या होने वाला है, यह दर्शाने के लिये सपना दिया है। अपने बिस्तर में सोते हुए तुमने सपने में जो बातें देखी थीं, वे ये हैं,
لكِنْ يُوجَدُ إِلهٌ فِي السَّمَاوَاتِ كَاشِفُ الأَسْرَارِ، وَقَدْ عَرَّفَ الْمَلِكَ نَبُوخَذْنَصَّرَ مَا يَكُونُ فِي الأَيَّامِ الأَخِيرَةِ. حُلْمُكَ وَرُؤْيَا رَأْسِكَ عَلَى فِرَاشِكَ هُوَ هذَا:
हे राजा! तुम अपने बिस्तर में सो रहे थे। तुमने भविष्य में घटने वाली बातों के बारे में सोचना आरम्भ किया। परमेश्वर लोगों को रहस्यपूर्ण बातों के बारे में बता सकता है। सो उसने भविष्य में घटने वाला है, वह तुम्हें दर्शा दिया।
أَنْتَ يَا أَيُّهَا الْمَلِكُ أَفْكَارُكَ عَلَى فِرَاشِكَ صَعِدَتْ إِلَى مَا يَكُونُ مِنْ بَعْدِ هذَا، وَكَاشِفُ الأَسْرَارِ يُعَرِّفُكَ بِمَا يَكُونُ.
परमेश्वर ने वह रहस्य मुझे भी बता दिया है।ऐसा इसलिये नही हुआ कि मेरे पास दूसरे लोगों से कोई अधिक बुद्धि है। बल्कि मुझे परमेश्वर ने इस भेद को इसलिए बताया है कि राजा को उसके सपने का फल पता चल जाये और इस तरह हे राजन, तुम्हारे मन में जो बातें आ रही थीं, उन्हें तुम समझ जाओ।
أَمَّا أَنَا فَلَمْ يُكْشَفْ لِي هذَا السِّرُّ لِحِكْمَةٍ فِيَّ أَكْثَرَ مِنْ كُلِّ الأَحْيَاءِ، وَلكِنْ لِكَيْ يُعَرَّفَ الْمَلِكُ بِالتَّعْبِيرِ، وَلِكَيْ تَعْلَمَ أَفْكَارَ قَلْبِكَ.
“हे राजन, सपने में आपने अपने सामने खड़ी एक विशाल मूर्ति देखी है, वह मूर्ति बहुत बड़ी थी, वह चमकदार थी और बहुत अधिक प्रभावपूर्ण थी। वह ऐसी थी जिसे देखकर देखने वाले की आँखें फटी की फटी रह जायें।
«أَنْتَ أَيُّهَا الْمَلِكُ كُنْتَ تَنْظُرُ وَإِذَا بِتِمْثَال عَظِيمٍ. هذَا التِّمْثَالُ الْعَظِيمُ الْبَهِيُّ جِدًّا وَقَفَ قُبَالَتَكَ، وَمَنْظَرُهُ هَائِلٌ.
उस मूर्ति का सिर शुद्ध सोने का बना था। उसकी छाती और भुजाएँ चाँदी की बनी थीं । उसका पेट और जाँघें काँसे की बनी थीं।
رَأْسُ هذَا التِّمْثَالِ مِنْ ذَهَبٍ جَيِّدٍ. صَدْرُهُ وَذِرَاعَاهُ مِنْ فِضَّةٍ. بَطْنُهُ وَفَخْذَاهُ مِنْ نُحَاسٍ.
उस मूर्ति की पिण्डलियाँ लोहे की बनी थीं। उस मूर्ति के पैर लोहे और मिट्टी के बने थे।
سَاقَاهُ مِنْ حَدِيدٍ. قَدَمَاهُ بَعْضُهُمَا مِنْ حَدِيدٍ وَالْبَعْضُ مِنْ خَزَفٍ.
जब तुम उस मूर्ति की ओर देख रहे थे, तुमने एक चट्टान देखी। देखते—देखते, वह चट्टान उखड़ कर गिर पड़ी किन्तु उस चट्टान को किसी व्यक्ति ने काट कर नहीं गिराया था। फिर हवा में लुढ़कती वह चट्टान मूर्ति के लोहे और मिट्टी के बने पैरों से जा टकराई। उस चट्टान से मूर्ति के पैर चकनाचूर हो गये।
كُنْتَ تَنْظُرُ إِلَى أَنْ قُطِعَ حَجَرٌ بِغَيْرِ يَدَيْنِ، فَضَرَبَ التِّمْثَالَ عَلَى قَدَمَيْهِ اللَّتَيْنِ مِنْ حَدِيدٍ وَخَزَفٍ فَسَحَقَهُمَا.
फिर तत्काल ही लोहा, मिट्टी,काँसा, चाँदी और सोना सब चूर—चूर हो गया और वह चूरा गर्मियों के दिनों में खलिहान के भूसे जैसा हो गया। उन टुकड़ों को हवा उड़ा ले गयी। वहाँ कुछ भी तो नही बचा। कोई यह कह ही नहीं सकता था कि वहाँ कभी कोई मूर्ति थी भी। फिर वह चट्टान जो उस मूर्ति से टकराई थी, एक विशाल पर्वत के रूप में बदल गयी और सारी धरती पर छा गयी।”
فَانْسَحَقَ حِينَئِذٍ الْحَدِيدُ وَالْخَزَفُ وَالنُّحَاسُ وَالْفِضَّةُ وَالذَّهَبُ مَعًا، وَصَارَتْ كَعُصَافَةِ الْبَيْدَرِ فِي الصَّيْفِ، فَحَمَلَتْهَا الرِّيحُ فَلَمْ يُوجَدْ لَهَا مَكَانٌ. أَمَّا الْحَجَرُ الَّذِي ضَرَبَ التِّمْثَالَ فَصَارَ جَبَلاً كَبِيرًا وَمَلأَ الأَرْضَ كُلَّهَا.
“आपका सपना तो यह था। अब हम राजा को यह बताते हैं कि इस सपने का फल क्या है
هذَا هُوَ الْحُلْمُ. فَنُخْبِرُ بِتَعْبِيرِهِ قُدَّامَ الْمَلِكِ.
हे राजन, आप अत्यंत महत्वपूर्ण राजा हैं। स्वर्ग के परमेश्वर ने तुम्हें राज्य दिया है। शक्ति दी है। सामर्थ्य और महिमा दी हैं।
«أَنْتَ أَيُّهَا الْمَلِكُ مَلِكُ مُلُوكٍ، لأَنَّ إِلهَ السَّمَاوَاتِ أَعْطَاكَ مَمْلَكَةً وَاقْتِدَارًا وَسُلْطَانًا وَفَخْرًا.
आपको परमेश्वर ने नियन्त्रण की शक्ति दी हैं और आप, लोगों पर, वन के पशुओं पर और पक्षियों पर शासन करते हो। वे चाहे कहीं भी रहते हों, उन सब पर परमेश्वर ने तुम्हें शासक ठहराया है। हे राजा नबूकदनेस्सर, उस मूर्ति के ऊपर जो सोने का सिर था, वह आप ही हैं।
وَحَيْثُمَا يَسْكُنُ بَنُو الْبَشَرِ وَوُحُوشُ الْبَرِّ وَطُيُورُ السَّمَاءِ دَفَعَهَا لِيَدِكَ وَسَلَّطَكَ عَلَيْهَا جَمِيعِهَا. فَأَنْتَ هذَا الرَّأْسُ مِنْ ذَهَبٍ.
“आप के बाद जो दूसरा राजा आयेगा, वही वह चाँदी का हिस्सा है। किन्तु वह राज्य तुम्हारे राज्य के समान विशाल नहीं होगा। इसके बाद धरती पर एक तीसरे राज्य का शासन होगा। वही वह काँसे वाला भाग है।
وَبَعْدَكَ تَقُومُ مَمْلَكَةٌ أُخْرَى أَصْغَرُ مِنْكَ وَمَمْلَكَةٌ ثَالِثَةٌ أُخْرَى مِنْ نُحَاسٍ فَتَتَسَلَّطُ عَلَى كُلِّ الأَرْضِ.
इसके बाद फिर एक चौथा राज्य आयेगा, वह राज्य लोहे के समान मज़बूत होगा। जैसे लोहे से वस्तुएँ टूटकर चकनाचूर हो जाती हैं, वैसे ही वह चौथा राज्य दूसरे राज्यों को भंग करके चकनाचूर करेगा।
وَتَكُونُ مَمْلَكَةٌ رَابِعَةٌ صَلْبَةٌ كَالْحَدِيدِ، لأَنَّ الْحَدِيدَ يَدُقُّ وَيَسْحَقُ كُلَّ شَيْءٍ. وَكَالْحَدِيدِ الَّذِي يُكَسِّرُ تَسْحَقُ وَتُكَسِّرُ كُلَّ هؤُلاَءِ.
“आपने जो यह देखा था कि उस मूर्ति के पैर और पंजे थोड़े मिट्टी के और थोड़े लोहे के बने हैं, उसका मतलब यह है कि वह चौथा राज्य एक बटा हुआ राज्य होगा। इसमें कुछ तो लोहे की शक्ति होगी क्योंकि आपने मिट्टी मिला लोहा देखा है।
وَبِمَا رَأَيْتَ الْقَدَمَيْنِ وَالأَصَابِعَ بَعْضُهَا مِنْ خَزَفٍ وَالْبَعْضُ مِنْ حَدِيدٍ، فَالْمَمْلَكَةُ تَكُونُ مُنْقَسِمَةً، وَيَكُونُ فِيهَا قُوَّةُ الْحَدِيدِ مِنْ حَيْثُ إِنَّكَ رَأَيْتَ الْحَدِيدَ مُخْتَلِطًا بِخَزَفِ الطِّينِ.
उस मूर्ति के पैर के पंजों के अगले भाग जो थोड़े लोहे और थोड़े मिट्टी के बने थे, इसका अर्थ यह है कि वह चौथा राज्य थोड़ा तो लोहे के समान शक्तिशाली होगा और थोड़ा मिट्टी के समान दुर्बल।
وَأَصَابِعُ الْقَدَمَيْنِ بَعْضُهَا مِنْ حَدِيدٍ وَالْبَعْضُ مِنْ خَزَفٍ، فَبَعْضُ الْمَمْلَكَةِ يَكُونُ قَوِيًّا وَالْبَعْضُ قَصِمًا.
आपने लोहे को मिट्टी से मिला हुआ देखा था किन्तु जैसे लोहा और मिट्टी पूरी तरह कभी आपस में नहीं मिलते, उस चौथे राज्य के लोग वैसे ही मिले जुले होंगे। किन्तु एक जाति के रूप में वे लोग आपस में एक जुट नहीं होंगे।
وَبِمَا رَأَيْتَ الْحَدِيدَ مُخْتَلِطًا بِخَزَفِ الطِّينِ، فَإِنَّهُمْ يَخْتَلِطُونَ بِنَسْلِ النَّاسِ، وَلكِنْ لاَ يَتَلاَصَقُ هذَا بِذَاكَ، كَمَا أَنَّ الْحَدِيدَ لاَ يَخْتَلِطُ بِالْخَزَفِ.
“चौथे राज्य के उन राज्यों के समय में ही स्वर्ग का परमेश्वर एक दूसरे राज्य की स्थापना कर देगा। इस राज्य का कभी अंत नहीं होगा और यह सदा—सदा बना रहेगा! यह एक ऐसा राज्य होगा जो कभी किसी दूसरे समूह के लोगों के हाथ में नहीं जायेगा। यह राज्य उन दूसरे राज्य को कुचल देगा। यह उन राज्यों का विनाश कर देगा। किन्तु वह राज्य अपने आप सदा—सदा बना रहेगा।
وَفِي أَيَّامِ هؤُلاَءِ الْمُلُوكِ، يُقِيمُ إِلهُ السَّمَاوَاتِ مَمْلَكَةً لَنْ تَنْقَرِضَ أَبَدًا، وَمَلِكُهَا لاَ يُتْرَكُ لِشَعْبٍ آخَرَ، وَتَسْحَقُ وَتُفْنِي كُلَّ هذِهِ الْمَمَالِكِ، وَهِيَ تَثْبُتُ إِلَى الأَبَدِ.
“हे राजा नबूकदनेस्सर, आपने पहाड़ से उखड़ी हुई चट्टान तो देखी। किसी व्यक्ति ने उस चट्टान को उखाड़ा नहीं! उस चट्टान ने लोहे को, काँसे को, मिट्टी को, चाँदी को और सोने को टुकड़े—टुकड़े कर दिया था। इस प्रकार से महान परमेश्वर ने आपको वह दिखाया है जो भविष्य में होने वाला है। यह सपना सच्चा है और आप सपने की इस व्याख्या पर भरोसा कर सकते हैं।”
لأَنَّكَ رَأَيْتَ أَنَّهُ قَدْ قُطِعَ حَجَرٌ مِنْ جَبَل لاَ بِيَدَيْنِ، فَسَحَقَ الْحَدِيدَ وَالنُّحَاسَ وَالْخَزَفَ وَالْفِضَّةَ وَالذَّهَبَ. اَللهُ الْعَظِيمُ قَدْ عَرَّفَ الْمَلِكَ مَا سَيَأْتِي بَعْدَ هذَا. اَلْحُلْمُ حَقٌّ وَتَعْبِيرُهُ يَقِينٌ».
इसके बाद राजा नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल को झुक कर नमस्कार किया। राजा ने दानिय्येल की प्रशंसा की। राजा ने यह आज्ञा दी कि दानिय्येल को सम्मानित करने के लिये एक भेंट और सुगन्ध प्रदान की जाये।
حِينَئِذٍ خَرَّ نَبُوخَذْنَصَّرُ عَلَى وَجْهِهِ وَسَجَدَ لِدَانِيآلَ، وَأَمَرَ بِأَنْ يُقَدِّمُوا لَهُ تَقْدِمَةً وَرَوَائِحَ سُرُورٍ.
फिर राजा ने दानिय्येल से कहा, “मुझे निश्चयपूर्वक ज्ञान हो गया है कि तेरा परमेश्वर सर्वाधिक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली परमेश्वर है। वह सभी राजाओं का यहोवा है। वह लोगों को उन बातों के बारे में बताता है, जिन्हें वे नहीं जान सकते। मुझे पता है कि यह सच है। क्योंकि तूम मुझे भेद की इन बातों को बता सका।”
فَأَجَابَ الْمَلِكُ دَانِيآلَ وَقَالَ: «حَقًّا إِنَّ إِلهَكُمْ إِلهُ الآلِهَةِ وَرَبُّ الْمُلُوكِ وَكَاشِفُ الأَسْرَارِ، إِذِ اسْتَطَعْتَ عَلَى كَشْفِ هذَا السِّرِّ».
इसके बाद उस राजा ने दानिय्येल को अपने राज्य में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण पद प्रदान किया तथा राजा ने बहुत से बहुमूल्य उपहार भी दानिय्येल को दिये। नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल को बाबुल के समूचे प्रदेश का शासक नियुक्त कर दिया। तथा उसने दानिय्येल को बाबुल के सभी पण्डितों का प्रधान बना दिया।
حِينَئِذٍ عَظَّمَ الْمَلِكُ دَانِيآلَ وَأَعْطَاهُ عَطَايَا كَثِيرَةً، وَسَلَّطَهُ عَلَى كُلِّ وِلاَيَةِ بَابِلَ وَجَعَلَهُ رَئِيسَ الشِّحَنِ عَلَى جَمِيعِ حُكَمَاءِ بَابِلَ.
दानिय्येल ने राजा से विनती की कि वह शद्रक, मेशक और अबेदनगो को बाबुल प्रदेश के महत्वपूर्ण हाकिम बना दें। सो राजा ने वैसा ही किया जैसा दानिय्येल ने चाहा था। दानिय्येल स्वयं उन महत्वपूर्ण व्यक्तियों में हो गया था जो राजा के निकट रहा करते थे।
فَطَلَبَ دَانِيآلُ مِنَ الْمَلِكِ، فَوَلَّى شَدْرَخَ وَمِيشَخَ وَعَبْدَنَغُوَ عَلَى أَعْمَالِ وِلاَيَةِ بَابِلَ. أَمَّا دَانِيآلُ فَكَانَ فِي بَابِ الْمَلِكِ.