उस व्यक्ति ने योआब से कहा, “मैं राजा के पुत्र को तब भी चोट पहुँचाने की कोशिश नहीं करता जहाँ तुम मुझे हजार चाँदी के सिक्के देते। क्यों? क्योंकि हम लोगों ने तुमको, अबीशै और इत्तै को दिये गए राजा के आदेश को सुना। राजा ने कहा, ‘सावधान रहो, युवक अबशालोम को चोट न पहुँचे।’
فَقَالَ الرَّجُلُ لِيُوآبَ: «فَلَوْ وُزِنَ فِي يَدِي أَلْفٌ مِنَ الْفِضَّةِ لَمَا كُنْتُ أَمُدُّ يَدِي إِلَى ابْنِ الْمَلِكِ، لأَنَّ الْمَلِكَ أَوْصَاكَ فِي آذَانِنَا أَنْتَ وَأَبِيشَايَ وَإِتَّايَ قَائِلاً: احْتَرِزُوا أَيًّا كَانَ مِنْكُمْ عَلَى الْفَتَى أَبْشَالُومَ.