किन्तु अम्मोनी प्रमुखों ने अपने स्वामी हानून से कहा, “क्या आप समझते हैं कि दाऊद कुछ व्यक्तियों को आपके पास सांत्वना देने के लिये भेजकर आपके पिता को सम्मान देने का प्रयत्न कर रहा है? नहीं! दाऊद ने इन व्यक्तियों को आपके नगर के बारे में गुप्त रूप से जानने और समझने के लिये भेजा है। वे आपके विरुद्ध युद्ध की योजना बना रहे हैं।”
فَقَالَ رُؤَسَاءُ بَنِي عَمُّونَ لِحَانُونَ سَيِّدِهِمْ: «هَلْ يُكْرِمُ دَاوُدُ أَبَاكَ فِي عَيْنَيْكَ حَتَّى أَرْسَلَ إِلَيْكَ مُعَزِّينَ؟ أَلَيْسَ لأَجْلِ فَحْصِ الْمَدِينَةِ وَتَجَسُّسِهَا وَقَلْبِهَا، أَرْسَلَ دَاوُدُ عَبِيدَهُ إِلَيْكَ؟»