इसलिये याजक यहोयादा ने एक सन्दूक लिया और उसके ऊपरी भाग में एक छेद कर दिया। तब यहोयादा ने सन्दूक को वेदी के दक्षिण की ओर रख दिया। यह सन्दूक उस दरवाजे के पास था जिससे लोग यहोवा के मन्दिर में आते थे। कुछ याजक मन्दिर के द्वार—पथ की रक्षा करते थे। वे याजक उस धन को, जिसे लोग यहोवा को देते थे, ले लेते थे और उस सन्दूक में डाल देते थे।
فَأَخَذَ يَهُويَادَاعُ الْكَاهِنُ صُنْدُوقًا وَثَقَبَ ثَقْبًا فِي غِطَائِهِ، وَجَعَلَهُ بِجَانِبِ الْمَذْبَحِ عَنِ الْيَمِينِ عِنْدَ دُخُولِ الإِنْسَانِ إِلَى بَيْتِ الرَّبِّ. وَالْكَهَنَةُ حَارِسُو الْبَابِ جَعَلُوا فِيهِ كُلَّ الْفِضَّةِ الْمُدْخَلَةِ إِلَى بَيْتِ الرَّبِّ.