II Chronicles 6

तब सुलैमान ने कहा, “यहोवा ने कहा कि वह काले घने बादल में रहेगा।
حِينَئِذٍ قَالَ سُلَيْمَانُ: «قَالَ الرَّبُّ إِنَّهُ يَسْكُنُ فِي الضَّبَابِ.
हे यहोवा, मैंने एक भवन तेरे रहने के लिये बनाया है। यह एक भव्य भवन है। यह तेरे सर्वदा रहने का स्थान है!”
وَأَنَا بَنَيْتُ لَكَ بَيْتَ سُكْنَى مَكَانًا لِسُكْنَاكَ إِلَى الأَبَدِ».
राजा सुलैमान मुड़ा और उसने अपने सामने खड़े सभी इस्राएल के लोगों को आशीर्वाद दिया।
وَحَوَّلَ الْمَلِكُ وَجْهَهُ وَبَارَكَ كُلَّ جُمْهُورِ إِسْرَائِيلَ، وَكُلَّ جُمْهُورِ إِسْرَائِيلَ وَاقِفٌ.
सुलैमान ने कहा, “इस्राएल के परमेश्वर, यहोवा की प्रशंसा करो! यहोवा ने वह कर दिया है जो करने का वचन उसने तब दिया था जब उसने मेरे पिता दाऊद से बातें की थी। परमेश्वर यहोवा ने यह कहा,
وَقَالَ: «مُبَارَكٌ الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ الَّذِي كَلَّمَ بِفَمِهِ دَاوُدَ أَبِي وَأَكْمَلَ بِيَدَيْهِ قَائِلاً:
‘जब से मैं अपने लोगों को मिस्र से बाहर लाया तब से अब तक मैंने इस्राएल के किसी परिवार समूह से कोई नगर नहीं चुना है, जहाँ मेरे नाम का एक भवन बने। मैंने अपने निज लोगों इस्राएलियों पर शासन करने के लिये भी किसी व्यक्ति को नहीं चुना है।
مُنْذُ يَوْمَ أَخْرَجْتُ شَعْبِي مِنْ أَرْضِ مِصْرَ لَمْ أَخْتَرْ مَدِينَةً مِنْ جَمِيعِ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ لِبِنَاءِ بَيْتٍ لِيَكُونَ اسْمِي هُنَاكَ، وَلاَ اخْتَرْتُ رَجُلاً يَكُونُ رَئِيسًا لِشَعْبِي إِسْرَائِيلَ.
किन्तु अब मैंने यरूशलेम को अपने नाम के लिये चुना है और मैंने दाऊद को अपने इस्राएली लोगों का नेतृत्व करने के लिये चुना है।’
بَلِ اخْتَرْتُ أُورُشَلِيمَ لِيَكُونَ اسْمِي فِيهَا، وَاخْتَرْتُ دَاوُدَ لِيَكُونَ عَلَى شَعْبِي إِسْرَائِيلَ.
“मेरे पिता दाऊद की यह इच्छा थी कि वह इस्राएली राष्ट्र के यहोवा परमेश्वर के नाम की महिमा के लिये एक मन्दिर बनवाये।
وَكَانَ فِي قَلْبِ دَاوُدَ أَبِي أَنْ يَبْنِيَ بَيْتًا لاسْمِ الرَّبِّ إِلهِ إِسْرَائِيلَ،
किन्तु यहोवा ने मेरे पिता से कहा, ‘दाऊद, जब तुमने मेरे नाम पर मन्दिर बनाने की इच्छा की तब तुमने ठीक ही किया।
فَقَالَ الرَّبُّ لِدَاوُدَ أَبِي: مِنْ أَجْلِ أَنَّهُ كَانَ فِي قَلْبِكَ أَنْ تَبْنِيَ بَيْتًا لاسْمِي، قَدْ أَحْسَنْتَ بِكَوْنِ ذلِكَ فِي قَلْبِكَ.
किन्तु तुम मन्दिर बना नहीं सकते। किन्तु तम्हारा अपना पुत्र मेरे नाम पर मन्दिर बनाएगा।’
إِلاَّ أَنَّكَ أَنْتَ لاَ تَبْنِي الْبَيْتَ، بَلِ ابْنُكَ الْخَارِجُ مِنْ صُلْبِكَ هُوَ يَبْنِي الْبَيْتَ لاسْمِي.
अब, यहोवा ने वह कर दिया है जो उसने करने को कहा था। मैं अपने पिता के स्थान पर नया राजा हूँ। दाऊद मेरे पिता थे। अब मैं इस्राएल का राजा हूँ। यहोवा ने यही करने का वचन दिया था। मैंने इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के नाम पर मन्दिर बनवाया है।
وَأَقَامَ الرَّبُّ كَلاَمَهُ الَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ، وَقَدْ قُمْتُ أَنَا مَكَانَ دَاوُدَ أَبِي، وَجَلَسْتُ عَلَى كُرْسِيِّ إِسْرَائِيلَ كَمَا تَكَلَّمَ الرَّبُّ، وَبَنَيْتُ الْبَيْتَ لاسْمِ الرَّبِّ إِلهِ إِسْرَائِيلَ.
मैंने साक्षीपत्र के सन्दूक को मन्दिर में रखा है। साक्षीपत्र का सन्दूक वहाँ है जहाँ यहोवा के साथ की गई वाचा रखी जाती है। यहोवा ने यह वाचा इस्राएल के लोगों के साथ की।”
وَوَضَعْتُ هُنَاكَ التَّابُوتَ الَّذِي فِيهِ عَهْدُ الرَّبِّ الَّذِي قَطَعَهُ مَعَ بَنِي إِسْرَائِيلَ».
सुलैमान यहोवा की वेदी के सामने खड़ा हुआ। वह उन इस्राएल के लोगों के सामने खड़ा हुआ जो वहाँ इकट्ठे हुए थे। तब सुलैमान ने अपने हाथों और अपनी भुजाओं को फैलाया।
وَوَقَفَ أَمَامَ مَذْبَحِ الرَّبِّ تُجَاهَ كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ وَبَسَطَ يَدَيْهِ.
सुलैमान ने एक काँसे का मंच पाँच हाथ लम्बा, पाँच हाथ चौड़ा और तीन हाथ ऊँचा बनाया था और इसे बाहरी आँगन के बीच में रखा था। तब वह मंच पर खड़ा हुआ और इस्राएल के जो लोग वहाँ इकट्ठे हुए थे उनकी उपस्थिति में घुटने टेके। सुलैमान ने आकाश की ओर हाथ फैलाया।
لأَنَّ سُلَيْمَانَ صَنَعَ مِنْبَرًا مِنْ نُحَاسٍ وَجَعَلَهُ فِي وَسَطِ الدَّارِ، طُولُهُ خَمْسُ أَذْرُعٍ وَعَرْضُهُ خَمْسُ أَذْرُعٍ وَارْتِفَاعُهُ ثَلاَثُ أَذْرُعٍ، وَوَقَفَ عَلَيْهِ، ثُمَّ جَثَا عَلَى رُكْبَتَيْهِ تُجَاهَ كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ وَبَسَطَ يَدَيْهِ نَحْوَ السَّمَاءِ،
सुलैमान ने कहा: “हे इस्राएल के परमेश्वर, यहोवा, तेरे समान कोई भी परमेश्वर न तो स्वर्ग में है, न ही धरती पर है। तू प्रेम करने और दयालु बने रहने की वाचा का पालन करता है। तू अपने उन सेवकों के साथ वाचा का पालन करता है जो पूरे हृदय की सच्चाई से रहते हैं और तेरी आज्ञा का पालन करते हैं।
وَقَالَ: «أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ، لاَ إِلهَ مِثْلُكَ فِي السَّمَاءِ وَالأَرْضِ، حَافِظُ الْعَهْدِ وَالرَّحْمَةِ لِعَبِيدِكَ السَّائِرِينَ أَمَامَكَ بِكُلِّ قُلُوبِهِمُ.
तूने अपने सेवक दाऊद को दिये गए वचन को पूरा किया। दाऊद मेरा पिता था। तूने अपने मुख से वचन दिया था, और आज तूने अपने हाथों से इस वचन को पूरा किया है।
الَّذِي قَدْ حَفِظْتَ لِعَبْدِكَ دَاوُدَ أَبِي مَا كَلَّمْتَهُ بِهِ، فَتَكَلَّمْتَ بِفَمِكَ وأَكْمَلْتَ بِيَدِكَ كَهذَا الْيَوْمِ.
अब, हे यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर! तू अपने सेवक दाऊद को दिये गये वचन को बनाये रख। तूने यह वचन दिया थाः तूने कहा था, ‘दाऊद, तुम अपने परिवार से, मेरे सामने इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए, एक व्यक्ति को पाने में कभी असफल नहीं होगे। यही होगा यदि तुम्हारे पुत्र उन सभी बातों में सावधान रहेंगे जिन्हें वे करेंगे। उन्हें मेरे नियमों का पालन वैसे ही करना चाहिए जैसा तुमने मेरे नियमों का पालन किया है।’
وَالآنَ أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ، احْفَظْ لِعَبْدِكَ دَاوُدَ أَبِي مَا كَلَّمْتَهُ بِهِ قَائِلاً: لاَ يُعْدَمُ لَكَ أَمَامِي رَجُلٌ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ إِسْرَائِيلَ، إِنْ يَكُنْ بَنُوكَ طُرُقَهُمْ يَحْفَظُونَ حَتَّى يَسِيرُوا فِي شَرِيعَتِي كَمَا سِرْتَ أَنْتَ أَمَامِي.
अब, हे यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर अपने वचन को पूरा होने दे। तूने यह वचन अपने सेवक दाऊद को दिया था।
وَالآنَ أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ، فَلْيَتَحَقَّقْ كَلاَمُكَ الَّذِي كَلَّمْتَ بِهِ عَبْدَكَ دَاوُدَ.
“हे परमेश्वर, हम जानते हैं कि तू यथार्थ में, लोगों के साथ धरती पर नहीं रहेगा। स्वर्ग, सर्वोच्च स्वर्ग भी तुझको अपने भीतर रखने की क्षमता नहीं रखता और हम जानते हैं कि यह मन्दिर जिसे मैंने बनाया है तुझको अपने भीतर नहीं रख सकता।
لأَنَّهُ هَلْ يَسْكُنُ اللهُ حَقًّا مَعَ الإِنْسَانِ عَلَى الأَرْضِ؟ هُوَذَا السَّمَاوَاتُ وَسَمَاءُ السَّمَاوَاتِ لاَ تَسَعُكَ، فَكَمْ بِالأَقَلِّ هذَا الْبَيْتُ الَّذِي بَنَيْتُ!
किन्तु हे यहोवा, परमेश्वर तू हमारी प्रार्थना और कृपा याचना पर ध्यान दे। हे यहोवा, मेरे परमेश्वर! तेरे लिये की गई मेरी पुकार तू सुन। मैं तुझसे जो प्रार्थना कर रहा हूँ, सुन। मैं तेरा सेवक हूँ।
فَالْتَفِتْ إِلَى صَلاَةِ عَبْدِكَ وَإِلَى تَضَرُّعِهِ أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهِي، وَاسْمَعِ الصُّرَاخَ وَالصَّلاَةَ الَّتِي يُصَلِّيهَا عَبْدُكَ أَمَامَكَ.
मैं प्रार्थना करता हूँ कि तेरी आँखें मन्दिर को देखने के लिये दिन रात खुली रहें। तूने कहा था कि तू इस स्थान पर अपना नाम अंकित करेगा। मन्दिर को देखता हुआ जब मैं तुझसे प्रार्थना कर रहा हूँ तो तू मेरी प्रार्थना सुन।
لِتَكُونَ عَيْنَاكَ مَفْتُوحَتَيْنِ عَلَى هذَا الْبَيْتِ نَهَارًا وَلَيْلاً عَلَى الْمَوْضِعِ الَّذِي قُلْتَ إِنَّكَ تَضَعُ اسْمَكَ فِيهِ، لِتَسْمَعَ الصَّلاَةَ الَّتِي يُصَلِّيهَا عَبْدُكَ فِي هذَا الْمَوْضِعِ.
मेरी प्रार्थनाएँ सुन और तेरे इस्राएल के लोग जो प्रार्थना कर रहे हैं, उन्हें भी सुन। जब हम तेरे मन्दिर को देखते हुए प्रार्थना कर रहे हैं तो तू हमारी प्रार्थनाएँ सुन। तू स्वर्ग में जहाँ रहता है वहीं से सुन और जब तू हमारी प्रार्थनाएँ सुने तो तू हमें क्षमा कर।
وَاسْمَعْ تَضَرُّعَاتِ عَبْدِكَ وَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ يُصَلُّونَ فِي هذَا الْمَوْضِعِ، وَاسْمَعْ أَنْتَ مِنْ مَوْضِعِ سُكْنَاكَ مِنَ السَّمَاءِ، وَإِذَا سَمِعْتَ فَاغْفِرْ.
“कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ कुछ बुरा करने का दोषी हो सकता है। जब ऐसा होगा तो दोषी व्यक्ति को, यह सिद्ध करने के लिए कि वह निरपराध है, तेरा नाम लेना पड़ेगा। जब वह तेरी वेदी के सामने शपथ लेने मन्दिर में आए तो
إِنْ أَخْطَأَ أَحَدٌ إِلَى صَاحِبِهِ وَوُضِعَ عَلَيْهِ حَلْفٌ لِيُحَلِّفَهُ، وَجَاءَ الْحَلْفُ أَمَامَ مَذْبَحِكَ فِي هذَا الْبَيْتِ،
स्वर्ग से सुन। तू अपने सेवकों का फैसला कर और उसे कार्यान्वित कर। दोषी को दण्ड दे और उसे उतना कष्ट होने दे जितना कष्ट उसने दूसरे को दिया हो। यह प्रमाणित कर कि जिस व्यक्ति ने ठीक कार्य किया है, वह निरपराध है।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ وَاعْمَلْ، وَاقْضِ بَيْنَ عَبِيدِكَ إِذْ تُعَاقِبُ الْمُذْنِبَ فَتَجْعَلُ طَرِيقَهُ عَلَى رَأْسِهِ، وَتُبَرِّرُ الْبَارَّ إِذْ تُعْطِيهِ حَسَبَ بِرِّهِ.
“तेरे इस्राएलियों को किसी भी शत्रुओं से पराजित होना पड़ सकता है, क्योंकि तेरे लोगों ने तेरे विरुद्ध पाप किया है तब यदि इस्राएल के लोग तेरे पास लौटें और तेरे नाम पर पाप स्वीकारें और इस मन्दिर में तुझसे प्रार्थना और याचना करें
وَإِنِ انْكَسَرَ شَعْبُكَ إِسْرَائِيلُ أَمَامَ الْعَدُوِّ لِكَوْنِهِمْ أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، ثُمَّ رَجَعُوا وَاعْتَرَفُوا بِاسْمِكَ وَصَلَّوْا وَتَضَرَّعُوا أَمَامَكَ نَحْوَ هذَا الْبَيْتِ،
तो स्वर्ग से सुन और अपने लोगों, इस्राएल के पापों को क्षमा कर। उन्हें उस देश में लौटा जिसे तूने उन्हें और उनके पूर्वजों को दिया था।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ وَاغْفِرْ خَطِيَّةَ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، وَأَرْجِعْهُمْ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي أَعْطَيْتَهَا لَهُمْ وَلآبَائِهِمْ.
“आसमान कभी ऐसे बन्द हो सकता है कि वर्षा न हो। वह तब होगा जब इस्राएल के लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे और यदि इस्राएल के लोगों को इसका पश्चाताप होगा और मन्दिर को देखते हुए प्रार्थना करेंगे, तेरे नाम पर पाप स्वीकार करेंगे और वे पाप करना छोड़ देंगे क्योंकि तू उन्हें दण्ड देता है।
«إِذَا أُغْلِقَتِ السَّمَاءُ وَلَمْ يَكُنْ مَطَرٌ لِكَوْنِهِمْ أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، ثُمَّ صَلَّوْا فِي هذَا الْمَكَانِ وَاعْتَرَفُوا بِاسْمِكَ وَرَجَعُوا عَنْ خَطِيَّتِهِمْ لأَنَّكَ ضَايَقْتَهُمْ،
तो स्वर्ग से तू उनकी सुन। तू उनकी सुन और उनके पापों को क्षमा कर। इस्राएल के लोग तेरे सेवक हैं। तब उन्हें सही मार्ग का उपदेश दे जिस पर वे चलें। तू अपनी भूमि पर वर्षा भेज। वही देश तूने अपने लोगों को दिया था।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ وَاغْفِرْ خَطِيَّةَ عَبِيدِكَ وَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، فَتُعَلِّمَهُمُ الطَّرِيقَ الصَّالِحَ الَّذِي يَسْلُكُونَ فِيهِ، وَأَعْطِ مَطَرًا عَلَى أَرْضِكَ الَّتِي أَعْطَيْتَهَا لِشَعْبِكَ مِيرَاثًا.
“देश में कोई अकाल या महामारी, या फसलों को बीमारी, या फफूँदी, या टिड्डी, या टिड्डे हो जाये या यदि इस्राएल के लोगों के नगरों में उनके शत्रु घेरा डाल दें, या यदि इस्राएल में किसी प्रकार की बीमारी हो
إِذَا صَارَ فِي الأَرْضِ جُوعٌ، إِذَا صَارَ وَبَأٌ أَوْ لَفْحٌ أَوْ يَرَقَانٌ أَوْ جَرَادٌ أَوْ جَرْدَمٌ، أَوْ إِذَا حَاصَرَهُمْ أَعْدَاؤُهُمْ فِي أَرْضِ مُدُنِهِمْ، فِي كُلِّ ضَرْبَةٍ وَكُلِّ مَرَضٍ،
और तब तेरे लोग अर्थात इस्राएल का कोई व्यक्ति प्रार्थना या याचना करे तथा हर एक व्यक्ति अपनी आपत्ति और पीड़ा को जानता रहे एवं यदि वह व्यक्ति इस मन्दिर को देखते हुए अपने हाथ और अपनी भुजायें उठाए
فَكُلُّ صَلاَةٍ وَكُلُّ تَضَرُّعٍ تَكُونُ مِنْ أَيِّ إِنْسَانٍ كَانَ، أَوْ مِنْ كُلِّ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ يَعْرِفُونَ كُلُّ وَاحِدٍ ضَرْبَتَهُ وَوَجَعَهُ، فَيَبْسُطُ يَدَيْهِ نَحْوَ هذَا الْبَيْتِ،
तो तू उनकी स्वर्ग से सुन। स्वर्ग वही है जहाँ तू है। सुन और क्षमा कर। हर एक व्यक्ति को वह दे जो उसे मिलना चाहिये क्योंकि तू जानता है कि हर एक व्यक्ति के हृदय में क्या है। केवल तू ही जानता है कि व्यक्ति के हृदय में क्या है।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ مَكَانِ سُكْنَاكَ، وَاغْفِرْ وَأَعْطِ كُلَّ إِنْسَانٍ حَسَبَ كُلِّ طُرُقِهِ كَمَا تَعْرِفُ قَلْبَهُ. لأَنَّكَ أَنْتَ وَحْدَكَ تَعْرِفُ قُلُوبَ بَنِي الْبَشَرِ.
तब लोग तुझसे डरेंगे और तेरी आज्ञा मानेंगे जब तक वे उस देश में रहेंगे जिसे तूने हमारे पूर्वजों को दिया था।
لِكَيْ يَخَافُوكَ وَيَسِيرُوا فِي طُرُقِكَ كُلَّ الأَيَّامِ الَّتِي يَحْيَوْنَ فِيهَا عَلَى وَجْهِ الأَرْضِ الَّتِي أَعْطَيْتَ لآبَائِنَا.
“कोई ऐसा अजनबी हो सकता है जो इस्राएल के लोगों में से न हो, किन्तु वह उस देश से आया हो जो बहुत दूर हो और वह अजनबी तेरी प्रतिष्ठा, तेरी असीम शक्ति और तेरी दण्ड देने की क्षमता के कारण आया हो। जब वह व्यक्ति आए और इस मन्दिर को देखता हुआ प्रार्थना करे
وَكَذلِكَ الأَجْنَبِيُّ الَّذِي لَيْسَ هُوَ مِنْ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، وَقَدْ جَاءَ مِنْ أَرْضٍ بَعِيدَةٍ مِنْ أَجْلِ اسْمِكَ الْعَظِيمِ وَيَدِكَ الْقَوِيَّةِ وَذِرَاعِكَ الْمَمْدُودَةِ، فَمَتَى جَاءُوا وَصَلَّوْا فِي هذَا الْبَيْتِ،
तब स्वर्ग से जहाँ तू रहता है, सुन और तू उसकी प्रार्थना का उत्तर दे। तब सारे संसार के राष्ट्र तेरा नाम जानेंगे और तेरा आदर वैसे करेंगे जैसे तेरे लोग अर्थात इस्राएली करते हैं और संसार के सभी लोग जानेंगे कि जिस मन्दिर को मैंने बनवाया है वह तेरे नाम से जाना जाता है।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ مَكَانِ سُكْنَاكَ وَافْعَلْ حَسَبَ كُلِّ مَا يَدْعُوكَ بِهِ الأَجْنَبِيُّ، لِكَيْ يَعْلَمَ كُلُّ شُعُوبِ الأَرْضِ اسْمَكَ فَيَخَافُوكَ كَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، وَلِكَيْ يَعْلَمُوا أَنَّ اسْمَكَ قَدْ دُعِيَ عَلَى هذَا الْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُ.
“जब तू अपने लोगों को किसी स्थान पर उनके शत्रुओं के साथ लड़ने के लिये भेजे और वे इस नगर की ओर देखकर प्रार्थना करें, जिसे तूने चुना है तथा इस मन्दिर की ओर देखें जिसे मैंने तेरे नाम पर बनाया है।
«إِذَا خَرَجَ شَعْبُكَ لِمُحَارَبَةِ أَعْدَائِهِ فِي الطَّرِيقِ الَّذِي تُرْسِلُهُمْ فِيهِ وَصَلَّوْا إِلَيْكَ نَحْوَ هذِهِ الْمَدِينَةِ الَّتِي اخْتَرْتَهَا، وَالْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُ لاسْمِكَ،
तो उनकी प्रार्थना स्वर्ग से सुन। उनकी सहायता कर।
فَاسْمَعْ مِنَ السَّمَاءِ صَلاَتَهُمْ وَتَضَرُّعَهُمْ وَاقْضِ قَضَاءَهُمْ.
“लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे—कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो पाप न करता हो और तू उन पर क्रोधित होगा। तू किसी शत्रु को उन्हें हराने देगा और उनसे पकड़े जाने देगा तथा बहुत दूर या निकट के देश में जाने पर मजबूर किये जाने देगा।
إِذَا أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، لأَنَّهُ لَيْسَ إِنْسَانٌ لاَ يُخْطِئُ، وَغَضِبْتَ عَلَيْهِمْ وَدَفَعْتَهُمْ أَمَامَ الْعَدُوِّ وَسَبَاهُمْ، سَابُوهُمْ إِلَى أَرْضٍ بَعِيدَةٍ أَوْ قَرِيبَةٍ،
किन्तु जब वे अपना विचार बदलेंगे और वे याचना करेंगे जबकि वे बन्दी बनाये जाने वाले देश में ही हैं। वे कहेंगे, ‘हम लोगों ने पाप किया है, हम लोगों ने बुरा किया है तथा हम लोगों ने दुष्टता की है।’
فَإِذَا رَدُّوا إِلَى قُلُوبِهِمْ فِي الأَرْضِ الَّتِي يُسْبَوْنَ إِلَيْهَا، وَرَجَعُوا وَتَضَرَّعُوا إِلَيْكَ فِي أَرْضِ سَبْيِهِمْ قَائِلِينَ: قَدْ أَخْطَأْنَا وَعَوَّجْنَا وَأَذْنَبْنَا،
तब वे देश में जहाँ वे बन्दी हैं, अपने पूरे हृदय व आत्मा से तेरे पास लौटेंगे और इस देश की ओर जो तूने उनके पूर्वजों को दिया है, इस नगर की ओर जिसको तूने चुना है, और इस मन्दिर की ओर जो मैंने तेरे नाम की महिमा के लिये निर्मित किया है, उसकी ओर मुख करके प्रार्थना करेंगे।
وَرَجَعُوا إِلَيْكَ مِنْ كُلِّ قُلُوبِهِمْ وَمِنْ كُلِّ أَنْفُسِهِمْ فِي أَرْضِ سَبْيِهِمِ الَّتِي سَبَوْهُمْ إِلَيْهَا، وَصَلَّوْا نَحْوَ أَرْضِهِمِ الَّتِي أَعْطَيْتَهَا لآبَائِهِمْ، وَالْمَدِينَةِ الَّتِي اخْتَرْتَ، وَالْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُ لاسْمِكَ،
जब ऐसा हो तो तू स्वर्ग से उनकी सुन। स्वर्ग तेरा आवास है। उनकी प्रार्थना और याचना को स्वीकार कर और उनकी सहायता कर और अपने उन लोगों को क्षमा कर दे जिन्होंने तेरे विरुद्ध पाप किया है।
فَاسْمَعْ مِنَ السَّمَاءِ مِنْ مَكَانِ سُكْنَاكَ صَلاَتَهُمْ وَتَضَرُّعَاتِهِمْ، وَاقْضِ قَضَاءَهُمْ، وَاغْفِرْ لِشَعْبِكَ مَا أَخْطَأُوا بِهِ إِلَيْكَ.
अब, मेरे परमेश्वर मैं तुझसे माँगता हूँ, तू अपने आँख और कान खोल ले। तू हम लोगों की, जो प्रार्थना इस स्थान पर कर रहे हैं उसे सुन और उस पर ध्यान दे।
الآنَ يَا إِلهِي لِتَكُنْ عَيْنَاكَ مَفْتُوحَتَيْنِ، وَأُذُنَاكَ مُصْغِيَتَيْنِ لِصَلاَةِ هذَا الْمَكَانِ.
“अब, हे यहोवा परमेश्वर उठ और अपने विशेष स्थान पर आ, जहाँ साक्षीपत्र का सन्दूक, तेरी शक्ति प्रदर्शित करता है। अपने याजकों को मुक्ति धारण करने दे। हे यहोवा, परमेश्वर! अपने पवित्र लोगों को अपनी अच्छाई में प्रसन्न होने दे।
وَالآنَ قُمْ أَيُّهَا الرَّبُّ الإِلهُ إِلَى رَاحَتِكَ أَنْتَ وَتَابُوتُ عِزِّكَ. كَهَنَتُكَ أَيُّهَا الرَّبُّ الإِلهُ يَلْبِسُونَ الْخَلاَصَ، وَأَتْقِيَاؤُكَ يَبْتَهِجُونَ بِالْخَيْرِ.
हे यहोवा, परमेश्वर अपने अभिषिक्त राजा को स्वीकार कर। अपने सेवक दाऊद की स्वामी भक्ति को याद रख।”
أَيُّهَا الرَّبُّ الإِلهُ، لاَ تَرُدَّ وَجْهَ مَسِيحِكَ. اذْكُرْ مَرَاحِمَ دَاوُدَ عَبْدِكَ».