एली की पुत्रवधू, पीनहास की पत्नी, उन दिनों गर्भवती थी। यह लगभग उसके बच्चे के उत्पन्न होने का समय था। उसने यह समाचार सुना कि परमेश्वर का पवित्र सन्दूक छीन लिया गया है। उसने यह भी सुना कि उसके ससुर एली की मृत्यु हो गई है और सका पति पीनहास मारा गया है।। ज्यों ही उसने यह सामचार सुना, उसको प्रसव पीड़ा आरम्भ हो गई और उसने अपने बच्चे को जन्म देना आरम्भ किया।
وَكَنَّتُهُ امْرَأَةُ فِينَحَاسَ كَانَتْ حُبْلَى تَكَادُ تَلِدُ. فَلَمَّا سَمِعَتْ خَبَرَ أَخْذِ تَابُوتِ اللهِ وَمَوْتَ حَمِيهَا وَرَجُلِهَا، رَكَعَتْ وَوَلَدَتْ، لأَنَّ مَخَاضَهَا انْقَلَبَ عَلَيْهَا.