मेरे स्वामी और राजा, मेरी बात सुनें! यदि यहोवा ने आपको मेरे विरुद्ध क्रोधित किया है तो उसे एक भेंट स्वीकार करने दें। किन्तु यदि लोगों ने मेरे विरुद्ध आपको क्रोधित किया है तो यहोवा द्वारा उनके लिये कुछ बुरी आपत्ति आने दें। लोगों ने मुझे इस देश को छोड़ने पर विवश किया, जिसे यहोवा ने मुझे दिया है। लोगों ने मुझसे कहा, ‘जाओ विदेशियों के साथ रहो। जाओ अन्य देवताओं की पूजा करो।’
وَالآنَ فَلْيَسْمَعْ سَيِّدِي الْمَلِكُ كَلاَمَ عَبْدِهِ: فَإِنْ كَانَ الرَّبُّ قَدْ أَهَاجَكَ ضِدِّي فَلْيَشْتَمَّ تَقْدِمَةً. وَإِنْ كَانَ بَنُو النَّاسِ فَلْيَكُونُوا مَلْعُونِينَ أَمَامَ الرَّبِّ، لأَنَّهُمْ قَدْ طَرَدُونِي الْيَوْمَ مِنَ الانْضِمَامِ إِلَى نَصِيبِ الرَّبِّ قَائِلِينَ: اذْهَبِ اعْبُدْ آلِهَةً أُخْرَى.