ऐसे ही हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों के साथ समझदारी पूर्वक रहो। उन्हें निर्बल समझ कर, उनका आदर करो। जीवन के वरदान में उन्हें अपना सह उत्तराधिकारी भी मानो ताकि तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न पड़े।
كَذلِكُمْ أَيُّهَا الرِّجَالُ، كُونُوا سَاكِنِينَ بِحَسَبِ الْفِطْنَةِ مَعَ الإِنَاءِ النِّسَائِيِّ كَالأَضْعَفِ، مُعْطِينَ إِيَّاهُنَّ كَرَامَةً، كَالْوَارِثَاتِ أَيْضًا مَعَكُمْ نِعْمَةَ الْحَيَاةِ، لِكَيْ لاَ تُعَاقَ صَلَوَاتُكُمْ.