I Kings 20

बेन्हदद अराम का राजा था। उसने अपनी सारी सेना इकट्ठी की। उसके साथ बत्तीस राजा थे। उनके पास घोड़े और रथ थे। उन्होंने शोमरोन पर आक्रमण किया और उसके विरुद्ध लड़े।
وَجَمَعَ بَنْهَدَدُ مَلِكُ أَرَامَ كُلَّ جَيْشِهِ، وَاثْنَيْنِ وَثَلاَثِينَ مَلِكًا مَعَهُ، وَخَيْلاً وَمَرْكَبَاتٍ وَصَعِدَ وَحَاصَرَ السَّامِرَةَ وَحَارَبَهَا.
राजा ने नगर में इस्राएल के राजा अहाब के पास दूत भेजे।
وَأَرْسَلَ رُسُلاً إِلَى أَخْآبَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ إِلَى الْمَدِينَةِ وَقَالَ لَهُ: «هكَذَا يَقُولُ بَنْهَدَدُ:
सूचना यह थी, “बेन्हदद कहता है, ‘तुम्हें अपना सोना—चाँदी मुझे देना पड़ेगा। तुम्हें अपनी पत्नियाँ और बच्चे भी मुझको देने होंगे।’”
لِي فِضَّتُكَ وَذَهَبُكَ، وَلِي نِسَاؤُكَ وَبَنُوكَ الْحِسَانُ».
इस्राएल के राजा ने उत्तर दिया, “ऐ मेरे स्वामी राजा! मैं स्वीकार करता हूँ कि अब मैं आपके अधीन हूँ और जो कुछ मेरा है वह आपका है।”
فَأَجَابَ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «حَسَبَ قَوْلِكَ يَا سَيِّدِي الْمَلِكَ، أَنَا وَجَمِيعُ مَا لِي لَكَ».
तब दूत अहाब के पास वापस आया। उन्होंने कहा, “बेन्हदद कहता है, ‘मैंने पहले ही तुमसे कहा था कि तुम्हें सारा सोना चाँदी तथा अपनी स्त्रियों, बच्चों को मुझको देना पड़ेगा।
فَرَجَعَ الرُّسُلُ وَقَالُوا: «هكَذَا تَكَلَّمَ بَنْهَدَدُ قَائِلاً: إِنِّي قَدْ أَرْسَلْتُ إِلَيْكَ قَائِلاً: إِنَّ فِضَّتَكَ وَذَهَبَكَ وَنِسَاءَكَ وَبَنِيكَ تُعْطِينِي إِيَّاهُمْ.
अब मैं अपने व्यक्तियों को भेजना चाहता हूँ जो महल में सर्वत्र और तुम्हारे आधीन शासन करने वाले और अधिकारियों के घरों में खोज करेंगे। मेरे व्यक्ति जो चाहेंगे लेंगे।’”
فَإِنِّي فِي نَحْوِ هذَا الْوَقْتِ غَدًا أُرْسِلُ عَبِيدِي إِلَيْكَ فَيُفَتِّشُونَ بَيْتَكَ وَبُيُوتَ عَبِيدِكَ، وَكُلَّ مَا هُوَ شَهِيٌّ فِي عَيْنَيْكَ يَضَعُونَهُ فِي أَيْدِيهِمْ وَيَأْخُذُونَهُ».
अत: राजा अहाब ने अपने देश के सभी अग्रजों (प्रमुखों) की एक बैठक बुलाई। अहाब ने कहा, “देखो बेन्हदद विपत्ति लाना चाहता है। प्रथम तो उसने मुझसे यह माँग की है कि मैं उसे अपनी पत्नियाँ, अपने बच्चे और अपना सोना—चाँदी दे दूँ। मैंने उसे वे चीजें देनी स्वीकार कर लीं और अब वह सब कुछ लेना चाहता है।”
فَدَعَا مَلِكُ إِسْرَائِيلَ جَمِيعَ شُيُوخِ الأَرْضِ وَقَالَ: «اعْلَمُوا وَانْظُرُوا أَنَّ هذَا يَطْلُبُ الشَّرَّ، لأَنَّهُ أَرْسَلَ إِلَيَّ بِطَلَبِ نِسَائِي وَبَنِيَّ وَفِضَّتِي وَذَهَبِي وَلَمْ أَمْنَعْهَا عَنْهُ».
किन्तु अग्रजों (प्रमुखों) और सभी लोगों ने कहा, “उसका आदेश न मानो। वह न करो जिसे करने को वह कहता है।”
فَقَالَ لَهُ كُلُّ الشُّيُوخِ وَكُلُّ الشَّعْبِ: «لاَ تَسْمَعْ لَهُ وَلاَ تَقْبَلْ».
इसलिये अहाब ने बेन्हदद को सन्देश भेजा। अहाब ने कहा, “मैं वह कर दूँगा जो तुमने पहले कहा था। किन्तु मैं तुम्हारे दूसरे आदेश का पालन नहीं कर सकता।” राजा बेन्हदद के दूत सन्देश राजा तक ले गये।
فَقَالَ لِرُسُلِ بَنْهَدَدَ: «قُولُوا لِسَيِّدِي الْمَلِكِ إِنَّ كُلَّ مَا أَرْسَلْتَ فِيهِ إِلَى عَبْدِكَ أَوَّلاً أَفْعَلُهُ. وَأَمَّا هذَا الأَمْرُ فَلاَ أَسْتَطِيعُ أَنْ أَفْعَلَهُ». فَرَجَعَ الرُّسُلُ وَرَدُّوا عَلَيْهِ الْجَوَابَ.
तब वे बेन्हदद के अन्य सन्देश के साथ लौटे। सन्देश यह था, “मैं शोमरोन को पूरी तरह नष्ट करूँगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि उस नगर का कुछ भी नहीं बचेगा। उस नगर का इतना कुछ भी नहीं बचेगा कि वह हमारे व्यक्तियों के लिये नगर की यादगार के रूप में अपने घर ले जाने को पर्याप्त हो। परमेश्वर मुझे नष्ट कर दे यदि मैं ऐसा करूँ।”
فَأَرْسَلَ إِلَيْهِ بَنْهَدَدُ وَقَالَ: «هكَذَا تَفْعَلُ بِي الآلِهَةُ وَهكَذَا تَزِيدُنِي، إِنْ كَانَ تُرَابُ السَّامِرَةِ يَكْفِي قَبَضَاتٍ لِكُلِّ الشَّعْبِ الَّذِي يَتْبَعُنِي».
राजा अहाब ने उत्तर दिया, “बेन्हदद से कहो कि उस व्यक्ति को, जिसने अपना कवच धारण किया हो, उस व्यक्ति की तरह डींग नहीं हाँकनी चाहिये जो उसे उतारने के लिये लम्बा जीवन जीता है।”
فَأَجَابَ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «قُولُوا: لاَ يَفْتَخِرَنَّ مَنْ يَشُدُّ كَمَنْ يَحُلُّ».
राजा बेन्हदद अपने अन्य प्रशासकों के साथ अपने तम्बू में मदिरा पान कर रहा था। उसी समय दूत आया और उसने राजा अहाब का सन्देश दिया। राजा बेन्हदद ने अपने व्यक्तियों को नगर पर आक्रमण करने के लिये तैयार होने को कहा। अत: सैनिक युद्ध के लिये अपना स्थान लेने बढ़े।
فَلَمَّا سَمِعَ هذَا الْكَلاَمَ وَهُوَ يَشْرَبُ مَعَ الْمُلُوكِ فِي الْخِيَامِ قَالَ لِعَبِيدِهِ: «اصْطَفُّوا». فَاصْطَفُّوا عَلَى الْمَدِينَةِ.
इसी समय, एक नबी, राजा अहाब के पास पुहँचा। नबी ने कहा, “राजा अहाब यहोवा तुमसे कहता है, ‘क्या तुम उस बड़ी सेना को देखते हो! मैं यहोवा, आज तुम्हें उस सेना को हराने दूँगा। तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ।’”
وَإِذَا بِنَبِيٍّ تَقَدَّمَ إِلَى أَخْآبَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «هكَذَا قَالَ الرَّبُّ: هَلْ رَأَيْتَ كُلَّ هذَا الْجُمْهُورِ الْعَظِيمِ؟ هأَنَذَا أَدْفَعُهُ لِيَدِكَ الْيَوْمَ، فَتَعْلَمُ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ».
अहाब ने कहा, “उन्हें पराजित करने के लिये तुम किसका उपयोग करोगे” नबी ने उत्तर दिया, “यहोवा कहता है, ‘सरकारी अधिकारियों के युवक सहायक।’” तब राजा ने पूछा, “मुख्य सेना का सेनापतित्व कौन सम्भालेगा” नबी ने उत्तर दिया, “तुम सम्भालेगा।”
فَقَالَ أَخْآبُ: «بِمَنْ؟» فَقَالَ: «هكَذَا قَالَ الرَّبُّ: بِغِلْمَانِ رُؤَسَاءِ الْمُقَاطَعَاتِ». فَقَالَ: «مَنْ يَبْتَدِئُ بِالْحَرْبِ؟» فَقَالَ: «أَنْتَ».
अत: अहाब ने सरकारी अधिकारियों के युवक सहायकों को इकट्ठा किया। सब मिलाकर ये दो सौ बत्तीस युवक थे। तब राजा ने इस्राएल की सेना को एक साथ बुलाया। सारी संख्या सात हजार थी।
فَعَدَّ غِلْمَانَ رُؤَسَاءِ الْمُقَاطَعَاتِ فَبَلَغُوا مِئَتَيْنِ وَاثْنَيْنِ وَثَلاَثِينَ. وَعَدَّ بَعْدَهُمْ كُلَّ الشَّعْبِ، كُلَّ بَنِي إِسْرَائِيلَ، سَبْعَةَ آلاَفٍ.
दोपहर को, राजा बेन्हदद और उसके सहायक बत्तीस राजा अपने डेरे में मदिरा पान कर रहे थे और मद मत्त हो रहे थे। इसी समय राजा अहाब का आक्रमण आरम्भ हुआ।
وَخَرَجُوا عِنْدَ الظُّهْرِ وَبَنْهَدَدُ يَشْرَبُ وَيَسْكَرُ فِي الْخِيَامِ هُوَ وَالْمُلُوكُ الاثْنَانِ وَالثَّلاَثُونَ الَّذِينَ سَاعَدُوهُ.
युवक सहायकों ने प्रथम आक्रमण किया। बेन्हदद के व्यक्तियों ने उससे कहा कि सैनिक शोमरोन से बाहर निकल आये हैं।
فَخَرَجَ غِلْمَانُ رُؤَسَاءِ الْمُقَاطَعَاتِ أَوَّلاً. وَأَرْسَلَ بَنْهَدَدُ فَأَخْبَرُوهُ قَائِلِينَ: «قَدْ خَرَجَ رِجَالٌ مِنَ السَّامِرَةِ».
अत: बेन्हदद ने कहा, “वे युद्ध करने के लिये आ रहे होंगे या वे शान्ति—सन्धि करने आ रहे होंगे। उन्हें जीवित पकड़ लो।”
فَقَالَ: «إِنْ كَانُوا قَدْ خَرَجُوا لِلسَّلاَمِ فَأَمْسِكُوهُمْ أَحْيَاءً، وَإِنْ كَانُوا قَدْ خَرَجُوا لِلْقِتَالِ فَأَمْسِكُوهُمْ أَحْيَاءً».
राजा अहाब के युवक आक्रमण की पहल कर रहे थे। इस्राएल की सेना उनके पीछे चल रही थी।
فَخَرَجَ غِلْمَانُ رُؤَسَاءِ الْمُقَاطَعَاتِ، هؤُلاَءِ مِنَ الْمَدِينَةِ هُمْ وَالْجَيْشُ الَّذِي وَرَاءَهُمْ،
किन्तु इस्राएल के हर एक व्यक्ति ने उस पुरुष को मार डाला जो उसके विरुद्ध आया। अत: अराम के सैनिकों ने भागना आरम्भ किया। इस्राएल की सेना ने उनका पीछा किया। राजा बेन्हदद अपने रथों के एक घोड़े पर बैठकर भाग निकला।
وَضَرَبَ كُلُّ رَجُل رَجُلَهُ، فَهَرَبَ الأَرَامِيُّونَ، وَطَارَدَهُمْ إِسْرَائِيلُ، وَنَجَا بَنْهَدَدُ مَلِكُ أَرَامَ عَلَى فَرَسٍ مَعَ الْفُرْسَانِ.
राजा अहाब सेना को लेकर आगे बढ़ा और उसने अराम की सेना के सारे घोड़ों और रथों को ले लिया। इस प्रकार राजा अहाब ने अरामी सेना को भारी पराजय दी।
وَخَرَجَ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ فَضَرَبَ الْخَيْلَ وَالْمَرْكَبَاتِ، وَضَرَبَ أَرَامَ ضَرْبَةً عَظِيمَةً.
तब नबी राजा अहाब के पास पहुँचा और कहा, “अराम का राजा बेन्हदद अगले बसन्त में तुमसे युद्ध करने के लिये फिर आयेगा। अत: तुम्हें अब घर लौट जाना चाहिये और अपनी सेना को पहले से अधिक शक्तिशाली बनाना चाहिये और उसके विरुद्ध सुरक्षा की सुनियोजित योजना बनानी चाहिये।”
فَتَقَدَّمَ النَّبِيُّ إِلَى مَلِكِ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ لَهُ: «اذْهَبْ تَشَدَّدْ، وَاعْلَمْ وَانْظُرْ مَا تَفْعَلُ، لأَنَّهُ عِنْدَ تَمَامِ السَّنَةِ يَصْعَدُ عَلَيْكَ مَلِكُ أَرَامَ».
राजा बेन्हदद के अधिकारियों ने उससे कहा, “इस्राएल के देवता पर्वतीय देवता है। हम लोग पर्वतीय क्षेत्र में लड़े थे। इसलिये इस्राएल के लोग विजयी हुए। अतः हम लोग उनसे समतल मैदान में युद्ध करें। तब हम विजय पाएंगे।
وَأَمَّا عَبِيدُ مَلِكِ أَرَامَ فَقَالُوا لَهُ: «إِنَّ آلِهَتَهُمْ آلِهَةُ جِبَال، لِذلِكَ قَوُوا عَلَيْنَا. وَلكِنْ إِذَا حَارَبْنَاهُمْ فِي السَّهْلِ فَإِنَّنَا نَقْوَى عَلَيْهِمْ.
तुम्हें यही करना चाहिए। बत्तीस राजाओं को सेना का सेनापतित्व करने को अनुमति न दो। सेनापतियों को ही अपनी सेना का संचालन करने दो।
وَافْعَلْ هذَا الأَمْرَ: اعْزِلِ الْمُلُوكَ، كُلَّ وَاحِدٍ مِنْ مَكَانِهِ، وَضَعْ قُوَّادًا مَكَانَهُمْ.
अब तुम वैसी ही सेना बनाओ जो नष्ट हुई सेना की तरह हो। उसी सेना की तरह घोड़े और रथ इकट्ठे करो। तब हम लोग इस्राएलियों से समतल मैदान में युद्ध करें। तब हम विजय प्राप्त करेंगे।” बेन्हदद ने उनकी सलाह मान ली। उसने वही किया जो उन्होंने कहा।
وَأَحْصِ لِنَفْسِكَ جَيْشًا كَالْجَيْشِ الَّذِي سَقَطَ مِنْكَ، فَرَسًا بِفَرَسٍ، وَمَرْكَبَةً بِمَرْكَبَةٍ، فَنُحَارِبَهُمْ فِي السَّهْلِ وَنَقْوَى عَلَيْهِمْ». فَسَمِعَ لِقَوْلِهِمْ وَفَعَلَ كَذلِكَ.
अत: बसन्त में बेन्हदद ने अराम के लोगों को इकट्ठा किया। वह इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने अपेक गया।
وَعِنْدَ تَمَامِ السَّنَةِ عَدَّ بَنْهَدَدُ الأَرَامِيِّينَ وَصَعِدَ إِلَى أَفِيقَ لِيُحَارِبَ إِسْرَائِيلَ.
इस्राएलियों ने भी युद्ध की तैयारी की। इस्राएल के लोग अराम की सेना से लड़ने गये। उन्होंने अपने डेरे अराम के डेरे के सामने डाले। शुत्र की तुलना में इस्राएली बकरियों के दो छोटे झुण्डों के समान दिखाई पड़ते थे किन्तु अराम की सेना सारे क्षेत्र को ढकी थी।
وَأُحْصِيَ بَنُو إِسْرَائِيلَ وَتَزَوَّدُوا وَسَارُوا لِلِقَائِهِمْ. فَنَزَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ مُقَابِلَهُمْ نَظِيرَ قَطِيعَيْنِ صَغِيرَيْنِ مِنَ الْمِعْزَى، وَأَمَّا الأَرَامِيُّونَ فَمَلأُوا الأَرْضَ.
परमेश्वर का एक व्यक्ति इस सन्देश के साथ इस्राएल के राजा के पास आया: “यहोवा ने कहा है, ‘अराम के लोगों ने कहा है कि मैं अर्थात् यहोवा पर्वतों का परमेश्वर हूँ। वे समझते हैं कि घाटियों का परमेश्वर मैं नहीं हूँ। इसलिए मैं तुम्हें इस विशाल सेना को पराजित करने दूँगा। तब तुम समझोगे कि मैं यहोवा सर्वत्र हूँ।’”
فَتَقَدَّمَ رَجُلُ اللهِ وَكَلَّمَ مَلِكَ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «هكَذَا قَالَ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّ الأَرَامِيِّينَ قَالُوا: إِنَّ الرَّبَّ إِلهُ جِبَال وَلَيْسَ إِلهَ أَوْدِيَةٍ، أَدْفَعُ كُلَّ هذَا الْجُمْهُورِ الْعَظِيمِ لِيَدِكَ، فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ».
सेनायें सात दिन तक एक दूसरे के आमने सामने डेरा डाले रहीं। सातवें दिन युद्ध आरम्भ हुआ। इस्राएलियों ने एक दिन में अराम के एक लाख सैनिकों को मार डाला।
فَنَزَلَ هؤُلاَءِ مُقَابَِلَ أُولئِكَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ. وَفِي الْيَوْمِ السَّابعِ اشْتَبَكَتِ الْحَرْبُ، فَضَرَبَ بَنُو إِسْرَائِيلَ مِنَ الأَرَامِيِّينَ مِئَةَ أَلْفِ رَاجِل فِي يَوْمٍ وَاحِدٍ.
बचे हुए सैनिक अपेक नगर को भाग गए। नगर प्राचीर उन सत्ताईस हजार सैनिकों पर गिर पड़ी। बेन्हदद भी नगर को भाग गया। वह एक कमरे में छिप गया।
وَهَرَبَ الْبَاقُونَ إِلَى أَفِيقَ، إِلَى الْمَدِينَةِ، وَسَقَطَ السُّورُ عَلَى السَّبْعَةِ وَالْعِشْرِينَ أَلْفَ رَجُل الْبَاقِينَ. وَهَرَبَ بَنْهَدَدُ وَدَخَلَ الْمَدِينَةَ، مِنْ مِخْدَعٍ إِلَى مِخْدَعٍ.
उसके सेवकों ने उससे कहा, “हम लोगों ने सुना है कि इस्राएल कुल के राजा लोग दयालु हैं। हम लोग मोटे वस्त्र पहने और सिर पर रस्सी डाले। तब हम लोग इस्राएल के राजा के पास चलें। सभंव है, वह हमें जीवित रहने दे।”
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «إِنَّنَا قَدْ سَمِعْنَا أَنَّ مُلُوكَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ هُمْ مُلُوكٌ حَلِيمُونَ، فَلْنَضَعْ مُسُوحًا عَلَى أَحْقَائِنَا وَحِبَالاً عَلَى رُؤُوسِنَا وَنَخْرُجُ إِلَى مَلِكِ إِسْرَائِيلَ لَعَلَّهُ يُحْيِي نَفْسَكَ».
उन्होंने मोटे वस्त्र पहने और रस्सी सिर पर डाली। वे इस्राएल के राजा के पास आए। उन्होंने कहा, “तुम्हारा सेवक बेन्हदद कहता है, ‘कृपया मुझे जीवित रहने दे।’” अहाब ने उत्तर दिया, “क्या वह अभी तक जीवित है वह मेरा भाई है।”
فَشَدُّوا مُسُوحًا عَلَى أَحْقَائِهِمْ وَحِبَالاً عَلَى رُؤُوسِهِمْ وَأَتَوْا إِلَى مَلِكِ إِسْرَائِيلَ وَقَالُوا: «يَقُولُ عَبْدُكَ بَنْهَدَدُ: لِتَحْيَ نَفْسِي». فَقَالَ: «أَهُوَ حَيٌّ بَعْدُ؟ هُوَ أَخِي».
बेन्हदद के व्यक्ति राजा अहाब से ऐसा कुछ कहलवाना चाहते थे, जिससे यह पता चले कि वह बेन्हदद को नहीं मारेगा। जब अहाब ने बेन्हदद को भाई कहा तो सलाहकारों ने तुरन्त कहा, “हाँ! बेन्हदद आपका भाई है।” अहाब ने कहा, “उसे मेरे पास लाओ।” अत: बेन्हदद राजा अहाब के पास आया। राजा अहाब ने अपने साथ उसे अपने रथ में बैठने को कहा।
فَتَفَاءَلَ الرِّجَالُ وَأَسْرَعُوا وَلَجُّوا هَلْ هُوَ مِنْهُ. وَقَالُوا: «أَخُوكَ بَنْهَدَدُ». فَقَالَ: «ادْخُلُوا خُذُوهُ» فَخَرَجَ إِلَيْهِ بَنْهَدَدُ فَأَصْعَدَهُ إِلَى الْمَرْكَبَةِ.
बेन्हदद ने उससे कहा, “अहाब मैं उन नगरों को तुम्हें दे दूँगा जिन्हें मेरे पिता ने तुम्हारे पिता से ले लिये थे और तुम दमिश्क में वैसे ही दुकाने रख सकते हो जैसे मेरे पिता ने शोमरोन में रखी थीं।” अहाब ने उत्तर दिया, “यदि तुम इसे स्वीकार करते हो तो मैं तुम्हें जाने के लिये स्वतन्त्र करता हूँ।” अत: दोनों राजाओं ने एक शान्ति—सन्धि की। तब राजा अहाब ने बेन्हदद को जाने के लिये स्वतन्त्र कर दिया।
وَقَالَ لَهُ: «إِنِّي أَرُدُّ الْمُدُنَ الَّتِي أَخَذَهَا أَبِي مِنْ أَبِيكَ، وَتَجْعَلُ لِنَفْسِكَ أَسْوَاقًا فِي دِمَشْقَ كَمَا جَعَلَ أَبِي فِي السَّامِرَةِ». فَقَالَ: «وَأَنَا أُطْلِقُكَ بِهذَا الْعَهْدِ». فَقَطَعَ لَهُ عَهْدًا وَأَطْلَقَهُ.
नबियों में से एक ने दूसरे नबी से कहा, “मुझ पर चोट करो!” उसने उससे यह करने के लिये कहा क्योंकि यहोवा ने ऐसा आदेश दिया था। किन्तु दूसरे नबी ने उस पर चोट करने से इन्कार कर दिया।
وَإِنَّ رَجُلاً مِنْ بَنِي الأَنْبِيَاءِ قَالَ لِصَاحِبِهِ: «عَنْ أَمْرِ الرَّبِّ اضْرِبْنِي». فَأَبَى الرَّجُلُ أَنْ يَضْرِبَهُ.
इसलिये पहले नबी ने कहा, “तुमने यहोवा के आदेस का पालन नहीं किया। अत: जब तुम इस स्थान को छोड़ोगे, एक सिंह तुम्हें मार डालेगा।” दूसरे नबी ने उस स्थान को छोड़ा और उसे एक सिंह ने मार डाला।
فَقَالَ لَهُ: «مِنْ أَجْلِ أَنَّكَ لَمْ تَسْمَعْ لِقَوْلِ الرَّبِّ فَحِينَمَا تَذْهَبُ مِنْ عِنْدِي يَقْتُلُكَ أَسَدٌ». وَلَمَّا ذَهَبَ مِنْ عِنْدِهِ لَقِيَهُ أَسَدٌ وَقَتَلَهُ.
प्रथम नबी दूसरे व्यक्ति के पास गया और कहा, “मुझ पर चोट करो।” उस व्यक्ति ने उस पर चोट की। नबी को चोट आई।
ثُمَّ صَادَفَ رَجُلاً آخَرَ فَقَالَ: «اضْرِبْنِي». فَضَرَبَهُ الرَّجُلُ ضَرْبَةً فَجَرَحَهُ.
अत: नबी ने अपने चेहरे पर एक वस्र लपेट लिया। इस प्रकार कोई यह नहीं समझ सकता था कि वह कौन है। वह नबी गया और उसने सड़क के किनारे राजा की प्रतीक्षा आरम्भ की।
فَذَهَبَ النَّبِيُّ وَانْتَظَرَ الْمَلِكَ عَلَى الطَّرِيقِ، وَتَنَكَّرَ بِعِصَابَةٍ عَلَى عَيْنَيْهِ.
राजा उधर से निकला और नबी ने उससे कहा, “मैं युद्ध में लड़ने गया था। हमारे व्यक्तियों में से मेरे पास शत्रु सैनिक को लाया। उस व्यक्ति ने कहा, ‘इस व्यक्ति की पहरेदारी करो। यदि यह भाग गया तो इसके स्थान पर तुम्हें अपना जीवन देना होगा या तुम्हें पचहत्तर पौंड चाँदी जुर्माने में देनी होगी।’
وَلَمَّا عَبَرَ الْمَلِكُ نَادَى الْمَلِكَ وَقَالَ: «خَرَجَ عَبْدُكَ إِلَى وَسَطِ الْقِتَالِ، وَإِذَا بِرَجُل مَالَ وَأَتَى إِلَيَّ بِرَجُل وَقَالَ: احْفَظْ هذَا الرَّجُلَ، وَإِنْ فُقِدَ تَكُونُ نَفْسُكَ بَدَلَ نَفْسِهِ، أَوْ تَدْفَعُ وَزْنَةً مِنَ الْفِضَّةِ.
किन्तु मैं अन्य कामों में व्यस्त हो गया। अतः वह व्यक्ति भाग निकला।” इस्राएल के राजा ने कहा, “तुमने कहा है कि तुम सैनिक को भाग जाने देने के अपराधी हो। अत: तुमको उत्तर मालूम है। तुम्हें वही करना चाहिये जिसे करने को उस व्यक्ति ने कहा है।”
وَفِيمَا عَبْدُكَ مُشْتَغِلٌ هُنَا وَهُنَاكَ إِذَا هُوَ مَفْقُودٌ». فَقَالَ لَهُ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ: «هكَذَا حُكْمُكَ. أَنْتَ قَضَيْتَ».
तब नबी ने अपने मुख से कपड़े को हटाया। इस्राएल के राजा ने देखा और यह जान लिया कि वह नबियों में से एक है।
فَبَادَرَ وَرَفَعَ الْعِصَابَةَ عَنْ عَيْنَيْهِ، فَعَرَفَهُ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ أَنَّهُ مِنَ الأَنْبِيَاءِ.
तब नबी ने राजा से कहा, “यहोवा तुमसे यह कहता है, ‘तुमने उस व्यक्ति को स्वतन्त्र किया जिसे मैंने मर जाने को कहा। अत: उसका स्थान तुम लोगे, तुम मर जाओगे और तुम्हारे लोग दुश्मनों का स्थान लेंगे, तुम्हारे लोग मरेंगे।’”
فَقَالَ لَهُ: «هكَذَا قَالَ الرَّبُّ: لأَنَّكَ أَفْلَتَّ مِنْ يَدِكَ رَجُلاً قَدْ حَرَّمْتُهُ، تَكُونُ نَفْسُكَ بَدَلَ نَفْسِهِ، وَشَعْبُكَ بَدَلَ شَعْبِهِ».
तब राजा अपने घर शोमरोन लौट गया। वह बहुत परेशान और घबराया हुआ था।
فَمَضَى مَلِكُ إِسْرَائِيلَ إِلَى بَيْتِهِ مُكْتَئِبًا مَغْمُومًا وَجَاءَ إِلَى السَّامِرَةِ.