I Chronicles 28

दाऊद ने इस्राएल के सभी प्रमुखों को इकट्ठा किया। उसने सभी प्रमुखों को यरूशलेम आने का आदेश दिया। दाऊद ने परिवार समूहों के प्रमुखों, राजा की सेवा करने वाली सेना की टुकड़ियों के सेनापतियों, सेनाध्यक्षों, राजा और उनके पुत्रों के जानवरों तथा सम्पत्ति की देखभाल करने वाले अधिकारियों, राजा के महत्वपूर्ण अधिकारियों, शक्तिशाली वीरों और सभी वीर योद्धाओं को बुलाया।
وَجَمَعَ دَاوُدُ كُلَّ رُؤَسَاءِ إِسْرَائِيلَ، رُؤَسَاءَ الأَسْبَاطِ وَرُؤَسَاءَ الْفِرَقِ الْخَادِمِينَ الْمَلِكَ، وَرُؤَسَاءَ الأُلُوفِ وَرُؤَسَاءَ الْمِئَاتِ، وَرُؤَسَاءَ كُلِّ الأَمْوَالِ وَالأَمْلاَكِ الَّتِي لِلْمَلِكِ وَلِبَنِيهِ، مَعَ الْخِصْيَانِ وَالأَبْطَالِ وَكُلِّ جَبَابِرَةِ الْبَأْسِ، إِلَى أُورُشَلِيمَ.
राजा दाऊद खड़ा हुआ और कहा, “मेरे भाईयो और मेरे लोगो, मेरी बात सुनो। मैं अपने हृदय से यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दुक को रखने के लिये एक स्थान बनाना चाहता हूँ। मैं एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जो परमेश्वर का पद पीठ बन सके और मैंने परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाने की योजना बनाई।
وَوَقَفَ دَاوُدُ الْمَلِكُ عَلَى رِجْلَيْهِ وَقَالَ: «اِسْمَعُونِي يَا إِخْوَتِي وَشَعْبِي. كَانَ فِي قَلْبِي أَنْ أَبْنِيَ بَيْتَ قَرَارٍ لِتَابُوتِ عَهْدِ الرَّبِّ وَلِمَوْطِئِ قَدَمَيْ إِلهِنَا، وَقَدْ هَيَّأْتُ لِلْبِنَاءِ.
किन्तु परमेश्वर ने मुझसे कहा, ‘नहीं दाऊद, तुम्हें मेरे नाम पर मन्दिर नहीं बनाना चाहिये। तुम्हें यह नहीं करना चाहिये क्योंकि तुम एक योद्धा हो और तुमने बहुत से व्यक्तियों को मारा है।’
وَلكِنَّ اللهَ قَالَ لِي: لاَ تَبْنِي بَيْتًا لاسْمِي لأَنَّكَ أَنْتَ رَجُلُ حُرُوبٍ وَقَدْ سَفَكْتَ دَمًا.
“यहोवा इस्राएल के परमेश्वर ने इस्राएल के परिवार समूहों का नेतृत्व करने के लिये यहूदा के परिवार समूह को चुना। तब उस परिवार समूह में से, यहोवा ने मेरे पिता के परिवार को चुना और उस परिवार से परमेश्वर ने मुझे सदा के लिये इस्राएल का राजा चुना। परमेश्वर मुझे इस्राएल का राजा बनाना चाहता था।
وَقَدِ اخْتَارَنِي الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ مِنْ كُلِّ بَيْتِ أَبِي لأَكُونَ مَلِكًا عَلَى إِسْرَائِيلَ إِلَى الأَبَدِ، لأَنَّهُ إِنَّمَا اخْتَارَ يَهُوذَا رَئِيسًا، وَمِنْ بَيْتِ يَهُوذَا بَيْتَ أَبِي، وَمِنْ بَنِي أَبِي سُرَّ بِي لِيُمَلِّكَنِي عَلَى كُلِّ إِسْرَائِيلَ.
यहोवा ने मुझे बहुत से पुत्र दिये हैं और उन सारे पुत्रों में से, सुलैमान को यहोवा ने इस्राएल का नया राजा चुना। परन्तु इस्राएल सचमुच यहोवा का राज्य है।
وَمِنْ كُلِّ بَنِيَّ، لأَنَّ الرَّبَّ أَعْطَانِي بَنِينَ كَثِيرِينَ، إِنَّماَ اخْتَارَ سُلَيْمَانَ ابْنِي لِيَجْلِسَ عَلَى كُرْسِيِّ مَمْلَكَةِ الرَّبِّ عَلَى إِسْرَائِيلَ.
यहोवा ने मुझसे कहा, दाऊद, तुम्हारा पुत्र सुलैमान मेरा मन्दिर और इसके चारों ओर का क्षेत्र बनाएगा। क्यों? क्योंकि मैंने सुलैमान को अपना पुत्र चुना है और मैं उसका पिता रहूँगा।
وَقَالَ لِي: إِنَّ سُلَيْمَانَ ابْنَكَ هُوَ يَبْنِي بَيْتِي وَدِيَارِي، لأَنِّي اخْتَرْتُهُ لِي ابْنًا، وَأَنَا أَكُونُ لَهُ أَبًا،
अब सुलैमान मेरे नियमों और आदेशों का पालन कर रहा है। यदि वह मेरे नियमों का पालन करता रहता है तो मैं सुलैमान के राज्य को सदा के लिये शक्तिशाली बना दूँगा!”
وَأُثَبِّتُ مَمْلَكَتَهُ إِلَى الأَبَدِ إِذَا تَشَدَّدَ لِلْعَمَلِ حَسَبَ وَصَايَايَ وَأَحْكَامِي كَهذَا الْيَوْمِ.
दाऊद ने कहा, “अब, इस्राएल और परमेश्वर के सामने मैं तुमसे ये बातें कहता हूँ: यहोवा अपने परमेश्वर के सभी आदेशों को मानने में सावधान रहो! तब तुम इस अच्छे देश को अपने पास रख सकते हो और तुम सदा के लिए इसे अपने वंशजों को दे सकते हो।
وَالآنَ فِي أَعْيُنِ كُلِّ إِسْرَائِيلَ مَحْفَلِ الرَّبِّ، وَفِي سَمَاعِ إِلهِنَا، احْفَظُوا وَاطْلُبُوا جَمِيعَ وَصَايَا الرَّبِّ إِلهِكُمْ لِكَيْ تَرِثُوا الأَرْضَ الْجَيِّدَةَ وَتُوَرِّثُوهَا لأَوْلاَدِكُمْ بَعْدَكُمْ إِلَى الأَبَدِ.
“और मेरे पुत्र सुलैमान, तुम, अपने पिता के परमेश्वर को जानते हो। शुद्ध हृदय से परमेश्वर की सेवा करो। परमेश्वर की सेवा करने में अपने हृदय (मस्तिष्क) में प्रसन्न रहो। क्यों? क्योंकि यहोवा जानता है कि हर एक के हृदय (मस्तिष्क) में क्या है। हर बात जो सोचते हो, यहोवा जानता है। यदि तुम यहोवा के पास सहायता के लिये जाओगे, तो तुम्हें वह मिलेगी। किन्तु यदि उसको छोड़ते हो, तो वह तुमको सदा के लिये छोड़ देगा।
وَأَنْتَ يَا سُلَيْمَانُ ابْنِي، اعْرِفْ إِلهَ أَبِيكَ وَاعْبُدْهُ بِقَلْبٍ كَامِل وَنَفْسٍ رَاغِبَةٍ، لأَنَّ الرَّبَّ يَفْحَصُ جَمِيعَ الْقُلُوبِ، وَيَفْهَمُ كُلَّ تَصَوُّرَاتِ الأَفْكَارِ. فَإِذَا طَلَبْتَهُ يُوجَدُ مِنْكَ، وَإِذَا تَرَكْتَهُ يَرْفُضُكَ إِلَى الأَبَدِ.
सुलैमान, तुम्हें यह समझना चाहिये कि यहोवा ने तुमको अपना पवित्र स्थान मन्दिर बनाने के लिये चुना है। शक्तिशाली बनो और कार्य को पूरा करो।”
اُنْظُرِ الآنَ لأَنَّ الرَّبَّ قَدِ اخْتَارَكَ لِتَبْنِيَ بَيْتًا لِلْمَقْدِسِ، فَتَشَدَّدْ وَاعْمَلْ».
तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर बनाने के लिये योजनाएँ दीं। वे योजनाएँ मन्दिर के चारों ओर प्रवेश—कक्ष बनाने, इसके भवन, इसके भंडार—कक्ष, इसके ऊपरी कक्ष, इसके भीतरी कक्ष और दयापीठ के स्थान के लिये थी।
وَأَعْطَى دَاوُدُ سُلَيْمَانَ ابْنَهُ مِثَالَ الرِّوَاقِ وَبُيُوتِهِ وَخَزَائِنِهِ وَعَلاَلِيِّهِ وَمَخَادِعِهِ الدَّاخِلِيَّةِ وَبَيْتِ الْغِطَاءِ،
दाऊद ने मन्दिर के सभी भागों के लिये योजनाएँ बनाईं थीं। दाऊद ने उन योजनाओं को सुलैमान को दिया। दाऊद ने यहोवा के मन्दिर के चारों ओर के आँगन और उसके चारों ओर के कक्षों की योजनाएँ दीं। दाऊद ने मन्दिर के भंडारकक्षकों और उन भंडारकक्षों की योजनाएँ दीं जहाँ वे उन पवित्र चीजों को रखते थे जो मन्दिर में काम आती थीं।
وَمِثَالَ كُلِّ مَا كَانَ عِنْدَهُ بِالرُّوحِ لِدِيَارِ بَيْتِ الرَّبِّ وَلِجَمِيعِ الْمَخَادِعِ حَوَالَيْهِ، وَلِخَزَائِنِ بَيْتِ اللهِ وَخَزَائِنِ الأَقْدَاسِ،
दाऊद ने सुलैमान को, याजकों और लेवीवंशियों के समूहों के बारे में बताया। दाऊद ने सुलैमान को यहोवा के मन्दिर में सेवा करने के काम के बारे में और मन्दिर में काम आने वाली वस्तुओं के बारे में बताया।
وَلِفِرَقِ الْكَهَنَةِ وَاللاَّوِيِّينَ، وَلِكُلِّ عَمَلِ خِدْمَةِ بَيْتِ الرَّبِّ، وَلِكُلِّ آنِيَةِ خِدْمَةِ بَيْتِ الرَّبِّ.
दाऊद ने सुलैमान को बताया कि मन्दिर में काम आने वाली चीजों को बनाने में कितना सोना और चाँदी लगेगा।
فَمِنَ الذَّهَبِ بِالْوَزْنِ لِمَا هُوَ مِنْ ذَهَبٍ، لِكُلِّ آنِيَةِ خِدْمَةٍ فَخِدْمَةٍ، وَلِجَمِيعِ آنِيَةِ الْفِضَّةِ فِضَّةً بِالْوَزْنِ، لِكُلِّ آنِيَةِ خِدْمَةٍ فَخِدْمَةٍ.
सोने के दीपकों और दीपाधारों की योजनाएँ थी। और चांदी के दीपकों और दीपाधारों की योजनाएँ थी। दाऊद ने बताया कि हर एक दीपाधार और उसके दीपक के लिये कितनी सोने या चाँदी का उपयोग किया जाये। विभिन्न दीपाधार, जहाँ आवश्यकता थी, उपयोग में आने वाले थे।
وَبِالْوَزْنِ لِمَنَائِرِ الذَّهَبِ وَسُرُجِهَا مِنْ ذَهَبٍ بِالْوَزْنِ لِكُلِّ مَنَارَةٍ فَمَنَارَةٍ وَسُرُجِهَا، وَلِمَنَائِرِ الْفِضَّةِ بِالْوَزْنِ لِكُلِّ مَنَارَةٍ وَسُرُجِهَا حَسَبَ خِدْمَةِ مَنَارَةٍ فَمَنَارَةٍ.
दाऊद ने बाताया कि पवित्र रोटी के लिये काम में आने वाली हर एक मेज के लिये कितना सोना काम में आएगा। दाऊद ने बताया कि चाँदी की मेज़ों के लिये कितनी चाँदी काम में आएगी।
وَذَهَبًا بِالْوَزْنِ لِمَوَائِدِ خُبْزِ الْوُجُوهِ لِكُلِّ مَائِدَةٍ فَمَائِدَةٍ، وَفِضَّةً لِمَوَائِدِ الْفِضَّةِ.
दाऊद ने बताया कि कितना शुद्ध सोना, काँटे, छिड़काव की चिलमची और घड़े बनाने में लगेगा। दाऊद ने बताया कि हर एक तश्तरी बनाने में कितना सोना लगेगा और हर एक चाँदी की तश्तरी में कितनी चाँदी लगेगी।
وَذَهَبًا خَالِصًا لِلْمَنَاشِلِ وَالْمَنَاضِحِ وَالْكُؤُوسِ. وَلأَقْدَاحِ الذَّهَبِ بِالْوَزْنِ لِقَدَحٍ فَقَدَحٍ، وَلأَقْدَاحِ الْفِضَّةِ بِالْوَزْنِ لِقَدَحٍ فَقَدَحٍ.
दाऊद ने बताया कि सुगन्धि की वेदी के लिये कितना शुद्ध सोना लगेगा। दाऊद ने सुलैमान को परमेश्वर का रथ, यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक के ऊपर अपने पँखों को फैलाये करूब (स्वर्गदूत) के साथ दयापीठ की योजना भी दी। करूब(स्वर्गदूत) सोने के बने थे।
وَلِمَذْبَحِ الْبَخُورِ ذَهَبًا مُصَفًّى بِالْوَزْنِ، وَذَهَبًا لِمِثَالِ مَرْكَبَةِ الْكَرُوبِيمِ الْبَاسِطَةِ أَجْنِحَتَهَا الْمُظَلِّلَةِ تَابُوتَ عَهْدِ الرَّبِّ.
दाऊद ने कहा, “ये सभी योजनाएँ मुझे यहोवा से मिले निर्देशों के अनुसार बने हैं। यहोवा ने योजनाओं की हर एक चीज समझने में मुझे सहायता दी।”
«قَدْ أَفْهَمَنِي الرَّبُّ كُلَّ ذلِكَ بِالْكِتَابَةِ بِيَدِهِ عَلَيَّ، أَيْ كُلَّ أَشْغَالِ الْمِثَالِ».
दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से यह भी कहा, “दृढ़ और वीर बनो और इस काम को पूरा करो। डरो नहीं, क्योंकि यहोवा, मेरा परमेश्वर तुम्हारे साथ है। वह तुम्हारी सहायता तब तक करेगा जब तक तुम्हारा यह काम पूरा नहीं हो जता। वह तुमको छोड़ेगा नहीं। तुम यहोवा का मन्दिर बनाओगे।
وَقَالَ دَاوُدُ لِسُلَيْمَانَ ابْنِهِ: «تَشَدَّدْ وَتَشَجَّعْ وَاعْمَلْ. لاَ تَخَفْ وَلاَ تَرْتَعِبْ، لأَنَّ الرَّبَّ الإِلهَ إِلهِي مَعَكَ. لاَ يَخْذُلُكَ وَلاَ يَتْرُكُكَ حَتَّى تُكَمِّلَ كُلَّ عَمَلِ خِدْمَةِ بَيْتِ الرَّبِّ.
परमेश्वर के मन्दिर का सभी काम करने के लिये याजकों और लेवीवंशियों के समूह तैयार हैं। सभी कामों में तुम्हें सहायता देने के लिये कुशल कारीगर तैयार है जो भी तुम आदेश दोगे उसका पालन अधिकारी और सभी लोग करेंगे।”
وَهُوَذَا فِرَقُ الْكَهَنَةِ وَاللاَّوِيِّينَ لِكُلِّ خِدْمَةِ، بَيْتِ اللهِ. وَمَعَكَ فِي كُلِّ عَمَل كُلُّ نَبِيهٍ بِحِكْمَةٍ لِكُلِّ خِدْمَةٍ، وَالرُّؤَسَاءُ وَكُلُّ الشَّعْبِ تَحْتَ كُلِّ أَوَامِرِكَ».