En ce temps-là, des offrandes seront apportées à l'Eternel des armées, Par le peuple fort et vigoureux, Par le peuple redoutable depuis qu'il existe, Nation puissante et qui écrase tout, Et dont le pays est coupé par des fleuves; Elles seront apportées là où réside le nom de l'Eternel des armées, Sur la montagne de Sion.
उस समय, सर्वशक्तिमान यहोवा को एक विशेष भेंट चढ़ाई जायेगी। यह भेंट उन लोगों की ओर से आयेगी, जो लम्बे और शक्तिशाली हैं। (सब कहीं के लोग इन लोगों से डरते हैं। ये एक शक्तिशाली जाति के लोग हैं। यह जाति दूसरी जाति के लोगों को पराजित कर देती है। ये एक ऐसे देश के हैं, जो नदियों से विभाजित हैं।) यह भेंट यहोवा के स्थान सिय्योन पर्वत पर लायी जायेगी।