Etkä myös sinä ole näkevä sitä väkevää kansaa, sitä syväkielistä kansaa, jota ei ymmärretä, ja oudosta kielestä, jota ei taideta ymärtää.
बीते हुए दिनों में तुमने जो कष्ट उठाये हैं, तुम उनके बारे में सोचोगे। तुम सोचोगे, “दूसरे देशों के वे लोग कहाँ हँ वे लोग ऐसी बोली बोला करते थे, जिसे हम समझ नहीं सकते थे। दूसरे देशों के वे सेवक और कर एकत्र करने वाले कहाँ है वे गुप्तचर जिन्होंने हमारी सुरक्षा मिनारों का लेखा जोखा लिया था, कहाँ हैं वे सब समाप्त हो गये!”