در آنجا شش خمرهٔ سنگی وجود داشت، كه هر یک در حدود هشتاد لیتر گنجایش داشت و برای انجام مراسم تطهیر یهود به كار میرفت.
वहाँ पानी भरने के पत्थर के छह मटके रखे थे। ये मटके वैसे ही थे जैसे यहूदी पवित्र स्नान के लिये काम में लाते थे। हर मटके में कोई बीस से तीस गैलन तक पानी आता था।
رئیس مجلس كه نمیدانست آن را از كجا آورده بودند، آبی را كه به شراب تبدیل شده بود چشید، امّا خدمتكارانی كه آب را از چاه كشیده بودند، از جریان اطّلاع داشتند. پس رئیس مجلس داماد را صدا كرد
फिर दावत के प्रबन्धकर्ता ने उस पानी को चखा जो दाखरस बन गया था। उसे पता ही नहीं चला कि वह दाखरस कहाँ से आया। पर उन सेवकों को इसका पता था जिन्होंने पानी निकाला था। फिर दावत के प्रबन्धक ने दूल्हे को बुलाया।
و به او گفت: «همه، بهترین شراب را اول به مهمانان میدهند و وقتی سرشان گرم شد، آن وقت شراب پستتر را میآورند امّا تو بهترین شراب را تا این ساعت نگاه داشتهای!»
और उससे कहा, “हर कोई पहले उत्तम दाखरस परोसता है और जब मेहमान काफ़ी तृप्त हो चुकते हैं तो फिर घटिया। पर तुमने तो उत्तम दाखरस अब तक बचा रखा है।”
پس با طناب شلاقی ساخت و همهٔ آنان را با گوسفندان و گاوان از معبد بزرگ بیرون راند و سکّههای صرّافان را دور ریخت و میزهای آنها را واژگون ساخت.
इसलिये उसने रस्सियों का एक कोड़ा बनाया और सबको मवेशियों और भेड़ों समेत बाहर खदेड़ दिया। मुद्रा बदलने वालों के सिक्के उड़ेल दिये और उनकी चौकियाँ पलट दीं।