زیاد میکارید، ولی محصولِ کم برمیدارید. میخورید، امّا سیر نمیشوید. مینوشید و باز هم تشنگیتان رفع نمیگردد. لباس میپوشید، امّا گرم نمیشوید. مزد میگیرید امّا گویی آن را در جیبی که سوراخ است میگذارید.
तुमने बोया बहुत है, पर तुम काटते हो नहीं के बराबर। तुम खाते हो, पर तुम्हारा पेट नहीं भरता। तुम पीते हो, पर तुम्हें नशा नहीं होता। तुम वस्त्र पहनते हो, किन्तु तुम्हें पर्याप्त गरमाहट नहीं मिलती। तुम जो थोड़ा बहुत कमाते हो पता नहीं कहां चला जाता है; लगता है जैसे जेबों में छेद हो गए हैं!”