مأموران مخصوص این فرمان را به کلّیه نواحی شاهنشاهی رساندند. طبق آن فرمان تمام یهودیان، از پیر و جوان، مرد و زن میبایست در یک روز، یعنی در روز سیزدهم ماه اَدار، کشته شوند. آنها میبایست بدون ترحّم کشته شده و اموالشان ضبط گردد.
संदेशवाहक राजा के विभिन्न प्रांतों में उन पत्रों को ले गये। इन पत्रों में सभी यहूदियों के सम्पूर्ण विनाश, हत्या और बर्बादी के राज्यादेश थे। इसका आशा था कि युवा, वृद्ध, स्त्रियाँ और नन्हें बच्चे तक समाप्त कर दिये जायें। आज्ञा यह थी कि सभी यहूदियों को बस एक ही दिन मौत के घाट उतार दिया जाये। वह दिन था अदार नाम के बारहवें महीने की तेरहवीं तारीख़ को था और यह आदेश भी दिया गया था कि यहूदियों के पास जो कुछ भी हो, उसे ले लिया जाये।