«او قوم اسرائیل را در بیابان
و در صحرای خشک و سوزان، سرگردان یافت.
او مثل تخم چشم خود، از آنها مراقبت کرد و آنها را پناه داد.
“यहोवा ने याकूब (इस्राएल) को पाया मरू में,
सप्त, झंझा—स्वरित उजड़ मरुभूमि में
योहवा ने याकूब को लिया अंक में, रक्षा की उसकी,
यहोवा ने रक्षा की, मानों वह आँखों की पुतली हो।