داوود در حملههای خود زن یا مردی را زنده نمیگذاشت، مبادا به جت بیایند و گزارش کارهای او را بدهند. داوود در تمام مدّتی که در کشور فلسطینیان زندگی میکرد، کارش همین بود.
दाऊद गत में कभी जीवित स्त्री या पुरुष नहीं लाया। दाऊद ने सोचा, “यदि हम किसी व्यक्ति को जीवित रहने देते हैं तो वह आकीश से कह सकता है कि वस्तुतः मैंने क्या किया है।” दाऊद ने पूरे समय, जब तक पलिश्तियों के देश में रहा, यही किया।