Opět obrátiv se, i viděl jsem všeliká ssoužení, kteráž se dějí pod sluncem, a aj, slzy křivdu trpících, ješto nemají potěšitele, ani moci k vyjití z ruky těch, kteříž je ssužují, a nemají potěšitele.
मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है।