और उसने अपने पहले पुत्र को जन्म दिया। क्योंकि वहाँ सराय के भीतर उन लोगों के लिये कोई स्थान नहीं मिल पाया था इसलिए उसने उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में लिटा दिया।
और जब स्वर्गदूत उन्हें छोड़कर स्वर्ग लौट गये तो वे गड़ेरिये आपस में कहने लगे, “आओ हम बैतलहम चलें और जो घटना घटी है और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, उसे देखें।”
फिर शमौन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उसकी माँ मरियम से कहा, “यह बालक इस्राएल में बहुतों के पतन या उत्थान के कारण बनने और एक ऐसा चिन्ह ठहराया जाने के लिए निर्धारित किया गया है जिसका विरोध किया जायेगा।
उसी समय वह उस बच्चे और माता-पिता के पास आई। उसने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और जो लोग यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोह रहे थे, उन सब को उस बालक के बारे में बताया।
जब उसके माता-पिता ने उसे देखा तो वे दंग रह गये। उसकी माता ने उससे पूछा, “बेटे, तुमने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? तेरे पिता और मैं तुझे ढूँढते हुए बुरी तरह व्याकुल थे।”