فَصَرَخُوا إِلَى الرَّبِّ وَقَالُوا: «آهِ يَا رَبُّ، لاَ نَهْلِكْ مِنْ أَجْلِ نَفْسِ هذَا الرَّجُلِ، وَلاَ تَجْعَلْ عَلَيْنَا دَمًا بَرِيئًا، لأَنَّكَ يَا رَبُّ فَعَلْتَ كَمَا شِئْتَ».
सो लोगों ने यहोवा को पुकारते हुए कहा, “हे यहोवा, इस पुरूष को हम इसके उन बुरे कामों के लिए समुद्र में फेंक रहे हैं, जो इसने किये हैं। कृपा कर के, तू हमें किसी निरपराध व्यक्ति का हत्यारा मत कहना। इसके वध के लिये तू हमें मत मार डालना। हम जानते हैं कि तू यहोवा है और तू जैसा चाहेगा, वैसा ही करेगा। किन्तु कृपा करके हम पर दयालु हो।”